नई कहानी

आख़िर क्यों और किसलिए अपने किरदार को मैं एक नई कहानी दे दूँ

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Saket Ranjan Shukla
Saket Ranjan Shukla 19 Aug, 2020 | 1 min read
#poetry Life #hindipoetry Reality #my_pen_my_strength #hindi

अपने किरदार को क्यों कोई और कहानी दे दू़ँ,

क्यों झूठे ख्वाबों को मैं, हौसले आसमानी दे दूँ,


जाने वाला हर बार लौटने का झूठा वादा करता है,

क्यों फिर उसे मैं, अपने पते की कोई निशानी दे दूँ,


दिल की बात है जो, वो दिल में ही रहे तो बेहतर है,

क्यों उस बात को किसी सुरमई धुन की रवानी दे दूँ,


हालात बिगड़ेंगे मगर हमें मुस्कुराकर सब छुपाना है,

क्यों इन आँसुओं को भला, मैं ये मिज़ाज रूमानी दे दूँ,


जिसे आना है वो आएगा, ये वक़्त कहाँ कभी ठहरा है,

क्यों फिर‌‌ इस बुढ़ापे के फिक्र को मैं अपनी जवानी दे दूँ,


हौले हौले से चढ़ा है नशा मुझे ज़िन्दगी के इस जाम का,

क्यों फिर अपनी मस्तमौला कश्ती को रफ्तार तूफानी दे दूँ,


कोई जाते जाते कुछ कह गया, कोई कहते कहते चला गया,

क्यों हर बिछड़ने वाले को ज़िन्दगी में कोई जगह रूहानी दे दूँ,


जो जान से प्यारा था कभी, जिससे हुआ इश्क अधूरा था मेरा,

क्यों फिर तोहफे में उसे ये दिल ना देकर, चीज कोई अनजानी दे दूँ,


जान ना पहचान जिनसे, वो भी तकलीफ देने पर उतर आए हैं आज,

क्यों फिर इस बार उन्हें अनदेखा ना करके कोई जख्म जिस्मानी दे दूँ,


क्यों फिर अपने बदले हुए जीने के अंदाज़ को वही मंज़िल पुरानी दे दूँ,

आख़िर क्यों और किसलिए अपने किरदार को मैं एक नई कहानी दे दूँ।


BY:— © Saket Ranjan Shukla

IG:— @my_pen_my_strength

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Saket Ranjan Shukla

saketranjanshukla

Comments

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  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    वाह 👏👏👏👏

  • Saket Ranjan Shukla · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत बहुत शुक्रिया

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