आज हम रउआ सभिन के आगे भोजपुरी में आपन माटी के खान पान पर्व त्योहार रीति रिवाज लेके हाजिर भइल बानी।
बिहार में अइसे त बहुते भाषा बोली बा,बहुते तरह के खान पान बा, बहुते तरह के रीति रिवाज बा जे हमनी के आपन माटी से परेम करेके सिखावेला।
बिहार अउर भोजपुरी सुनते ही लिट्टी चोखा,डॉ राजेन्द्र प्रसाद ,शत्रुध्न सिन्हा ,शारदा सिन्हा याद पड़े लागे लेन त ,चंपारण के किसान आंदोलन,त कुंवर सिंह के त्याग मन पड़े लागे ला।
आज हम बिहार के जान ल सुन ल त्योहार अउर वो में बनावे जाए वाला खान पान के बारे में रउआ लोगन के बताएम।
बिहार के प्रसिद्ध छठ पूजा अउर वोही में बने वाला खान पान-:
बिहार में वईसे तो दू हाली छठ मुख्य रूप से मने ला।
मगर एहिजा हम कार्तिक महीना में मनावल जाए वाला छठ के बारे में बताएम।
छठ चार दिन तक मनाये जाए वाला त्योहार ह।पहला दिन नहाय खाय होला ओहि दिन व्रती लोग नदी में नहा अरवा चावल,चना के दाल अउर लौकी के सब्जी बना के सबसे पहिले गाय के अग्रासन देके फेर अपने खा लेवेनी।फेर ओकरा बाद घर के सब लोग खा ला।ए त्योहार में शुद्धता सफाई के विशेष ध्यान दिह ल जाला।दूसरा दिन माटी के चूल्हा पर आम के लकड़ी के जलावन से रोटी अउर गुड़ के खीर बना के छठी माई के पूजा कर व्रती लोग खा ला।ओकरा बाद घर के सब लोग खा ला।एहि दिन सब व्रती लोग दिन भर निर्जला उपवास रहे ला।ओकरा बाद सब लोग रोटी खीर खा के उपवास तोड़े ला।फिर व्रत के तीसरा दिन ठेकुआ बने ला।
ठेकुआ बनावे खातिर गुड़ आटा शुद्ध घी के उपयोग हो ला।फेर ठेकुआ बना के सब फल साज के लोग नदी तीरे जा ला ओहिजा नदी में नहा के डूबत सूरज भगवान के अर्घ्य दिहल जाला।अर्घ्य देवे में सब फल उ ठेकुआ ईख सब चीज लागेला।
तीसरा दिन पूरा निर्जला उपवास रहला के बाद फेर चौथा दिन उगते सूरज के अर्घ्य देहला के बाद सब लोग वापिस घरे आवेला अउर फेर ठेकुआ परसादी खा ला।
फेर ठेकुआ परसादी सब लोग के बाँट ल जा ला।
एंग चार दिन के त्योहार छठ मनावल जा ला।
ई त्योहार आपसी भाईचारा जाति पाँति के दूर करके मिल जुल के मनावल जा ला।
जेमे घर भर के लइका सयान सब आपस में प्रेम से मिलजुलकर मनावल जा ला।
और ठेकुआ परसादी बने ला।
Comments
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वाह,पढ़ के ही मुँह में पानी आ गया।इस बार छठ पूजा पर आए क्या?
स्वागत है आइये आइये ....एक बार पधारिये बिहार
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