कजरी

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 22 Aug, 2021 | 1 min read




बहे ला पुरवा ,मारे ला हिलोर

सजन अब हूँ न अइले।

सजन अब हूँ न अइले,

त का करे अहीहेन।

सजन अब हूँ न अइले।



टिप टिप बरखे ला बरसा

बरखे ला बरसा,गरजे ला बदरा

गरजे ला बदरा, काँपे ला जियरा।

सजन अब हूँ न अइले।

अब हूँ न अइले,त का करे अइहन

सजन अब हूँ न अइले।



खेतवा में लागल बा पनिया

लागल बा पनिया त 

बोए के बा धानवा।

धनिया हो बो द तू धानवा।

बो द तू धानवा,हमहुँ आवत नी धनिया

धनिया हो बो द तू धानवा।



पड़े ला बुनिया त काँपे ला जियरा,

काँपे ला जियरा, त तड़पे ला मनवा

सजनवा हो अबहूँ त आव।

आव त आव मनवा समझाव।

सजनवा हो अबहूँ त आव।



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Ruchika Rai

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