किशोरवय और अपराध

किशोरावस्था में अपराध

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Ruchika Rai
Ruchika Rai 09 Jul, 2021 | 1 min read

जो बच्चा अभी वयस्कों की आयु तक न पहुँचा हो जिसका तातपर्य उसके अभी भी बालपन और अपरिपक्व होने से है।कानूनी रूप में कहा जाये तो एक किशोर को उस बच्चे के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसने अभी कानूनी रूप से निश्चित वयस्क आयु प्राप्त न की हो और देश के कानून के तहत उसे अपने किये हुए अपराधों के लिए वयस्क की तरह जिम्मेदार न ठहराया जा सके।

किशोर अपराध ऐसा अपराध है जो बच्चे द्वारा कोई कानूनी विरोधी या समाज विरोधी कार्य किया जाता है उसे किशोर अपराध कहते हैं।

किशोर अपराध के कारण-

कोई भी बच्चा जन्मजात अपराधी नही होता बल्कि परिस्थितयां उसे ऐसा बना देती हैं।किसी भी बालक के व्यक्तित्व को रूप देने में घर के अंदर और बाहर का सामाजिक सांस्कृतिक पारिवारिक वातावरण एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।जिसके कारण निम्नलिखित हैं-

1.माता पिता में आपसी मनमुटाव और लड़ाई झगड़े के चलते पूर्ण होते रिश्ते

2.एकल परिवार

3.मोबाईल फोन

4.कंप्यूटर, इंटरनेट

5.सरलता से उपलब्ध पोर्नोग्राफी बच्चों को गलत दिशा में जाने के लिए प्रेरित करती हैं।

6.इसके अलावा बच्चों को अन्य तनाव भरे पारिवारिक रिश्ते

7.अपराधी भाई बहन और परिजनों का होना।

8.माता पिता द्वारा तिरस्कार

9.परिवार का खस्ताहाल माली हालत

10.मनोवैज्ञानिक ,सामुदायिक कारण

11.सिनेमा और अश्लील साहित्य,नशीली दवाइयों का सेवन,पारिवारिक हिंसा,बाल यौन शोषण,मीडिया की भूमिका आदि।

हाल के कुछ वर्षों में देश में छोटे बच्चे द्वारा घटित कई आपराधिक घटनाएं देखने को मिल रही हैं। जिनको द्वारा यह लग रहा है कि बच्चों में आपराधिक मानसिकता भयावह हो रही है।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आँकड़े के अनुसार वर्ष 2014 के आंकड़ों के अनुसार कुल 38445,वर्ष 2015के अनुसार 33433 और वर्ष 2016 के अनुसार 35849 मामले किशोर अपराध के पंजीकृत किये गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ के अनुसार 2011 के जनगणना के अनुसार किशोरों की संख्या 24 करोड़ से अधिक है।जो देश की जनसंख्या का एक चौथाई है।

एक रिपोर्ट के अनुसार बच्चों में गुस्सा उनके उम्र के अनुसार बदलता जाता है।एक सर्वे के अनुसार 16 से 19 वर्ष के बीच वाले बच्चों के बीच ज्यादा होता है।

20 से 26 वर्ष के बीच गुस्सा थोड़ा कम हो जाता है।इस प्रकार किशोरावस्था में अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है,जो चिंतनीय विषय है देश के भविष्य के लिए बहुत बड़ा खतरा भी है


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