मां

मां ही जगत जननी मां ही जीवन आधार

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 09 Jun, 2020 | 1 min read

माँ

ममता,प्रेम, समर्पण,स्नेहिल संबंधों का आधार हो माँ

माया,ममता,खुशियाँ और शीतल छाँव तुम हो माँ

तुम हो माँ तो सारी खुशियाँ सारी मिल जाती है 

माँ की छाया में आकर शीतल छाँव मिल जाती है


तेरी आलिंगन में आकर माँ दर्द सारा मिट जाता है

मैं से हम होकर ये दिल सचमुच खिल जाता है

तेरी साए में ही रहता हूँ तेरे साथ ही हर पल चलता हूँ

हर दिशा में जाकर देखा तेरी बिन मैं अधुरा हूँ माँ


बहुत कुछ पाया,सब पाकर भी कुछ न पाया माँ

नतमस्तक होकर तेरे दिल में हूँ आज भी मैं माँ

जिम्मेदारियों में उलझ कर भी करूणा आधार बन

आत्मविश्वास मुझ में भरकर तुम फूलों सा मुस्काती हो


दूरदर्शिता से कर्तव्यनिष्ठा,सहानुभूति का पाठ पढ़ाती हो

छू लूं आसमान उन्नति से मैं,सही राह दिखाती हो तुम माँ

कोख में तेरे मैं जब आई सारी दुनिया जैसे पा गई माँ

तुने मुझको जन्म देकर नया जन्म तुने भी पाया था तब माँ


मेरे जन्मदिन पर आज तेरा दुसरा जन्म भी तो है माँ

त्याग,करूणा से भरी प्रकृति का अनमोल उपहार तुम हो माँ

ममता,प्रेम, समर्पण,स्नेहिल संबंधों का आधार हो माँ

माया,ममता,खुशियाँ और शीतल छाँव तुम हो माँ


निक्की शर्मा रश्मि

मुम्बई

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Resmi Sharma (Nikki )

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