कहीं आप भी साइबर सेक्स के शिकार तो नहीं

इंटरनेट के जाल में फसते बच्चों, युवाओं के साथ बुजुर्ग भी यह जाल बढ़ता ही जा रहा है इंटरनेट का

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 17 Jun, 2020 | 1 min read

*कहीं आप भी साइबर सेक्स के शिकार तो नहीं*

इंटरनेट का दौर आजकल बहुत बढ़ गया है, एक तरह से समझिए  जैसे यह जुनून हो गया है सही कहा ना मैंने।अब जरूरत नहीं बल्कि एक हद से ज्यादा जुनून बनता जा रहा है।यह शौक नहीं लत बनती जा रही है,इसकी समझ तब आती है जब यह पानी सर के ऊपर से बह जाता है। जी हां इंटरनेट का इस्तेमाल आज बच्चे बूढ़े सभी करते हैं, पर शायद जरूरत से ज्यादा, जिसके कारण आज स्थिति बहुत ही खराब हो रही ।इंटरनेट की जरूरत अब आदत बन गई है। जहां इंटरनेट से हम सोशल मीडिया से जुड़े और जुड़ना आसान भी हो गया वहीं इसके जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करके हम इसके गलत चीजों के धारणाओं के शिकार होते जा रहे हैं।शिकार बनने वाले लोगों में उम्र की कोई सीमा ही नहीं है, इसमें कॉलेज के लड़के, लड़कियों के साथ बुजुर्ग भी इसका शिकार बनते जा रहे हैं ।सोशल मीडिया में फ्रेंड के आकर्षण में उनका शिकार बनते जा रहे हैं। फ्रेंड लिस्ट में लंबी चैटिंग का सिलसिला शुरू होता है फिर बेहद करीबी बातें करके बेहद नजदीक आ जाते हैं और धीरे-धीरे उसकी बातों के चंगुल में फंसते जाते हैं फीर सारी मर्यादा लांघ जाते हैं। कैसे आ चुके हैं इसके चुंगुल में जब समझ आता है तो बहुत देर हो चुकी होती है और वह साइबरसेक्स का शिकार हो चुके होते हैं। इसका शिकार ज्यादातर फेसबुक इस्तेमाल कर रहे लोग हो रहे हैं, कई गैंग इसमें शामिल है। कई गैंग मिलकर अपना काम करते हैं। मैंने काफी समय पहले इस पर एक आर्टिकल पढ़ा था तभी से मेरी इच्छा, जिज्ञासा इस पर लिखने की बनी हुई थी। मैंने इस पर कई लोगों से बातचीत की सोशल मीडिया पर फ्रेंड बनना फ्रेंड बनना फिर नजदीकी बढ़ाना ब्लैक मेलिंग करना और मिलकर शारीरिक शोषण  करना यह सब इन की सोची समझी साजिश रहती है।जो एक बार फस गए तो फस गए।सही कहा ना मैंने, ऐसा ही कुछ है बस।कई बार टाइमपास  मस्ती और नए लोगों से जुड़ने की इच्छा हमें इस अंजाम तक ले जाती है,जहां हम सारी मर्यादा भूल जाते हैं और जिंदगी तहस नहस हो जाती है। रिश्ते टूट कर बिखर जाते हैं, कई रिश्ते दम तोड़ देते हैं।कई घटनाएं हो चुकी हैं जो चैटिंग के दौरान अश्लील वीडियो बनाकर उनका ब्लैकमेल किया जाता रहा है। "सेक्सटॉर्शन" का नाम आपने जरूर सुना होगा यह एक तरीका है,जिसमें स्पाई कैमरे या वेव कैमरे के जरिए अश्लील वीडियो बनाकर या न्यूड फोटो क्लिक करके ब्लैक मेलिंग करते हैं,और  लोग उसका शिकार बन जाते हैं। यह काम पूरी प्लानिंग के साथ होती है,लड़के लड़कियां या अकेले एकांत जीवन बिताने वाले या दिलफेंक सभी लोग इसके चंगुल में आ रहे हैं। लोगों से दोस्ती करना एक फैशन बनता जा रहा है क्या यह रिश्ते इतने मजबूत हो जाते हैं लोग इतनी आसानी से इसके चुंगुल में आ जाते हैं।इनका  मकसद होता है पैसे वसूलना ,इसके लिए वह कोई भी तरीका अपनाने से बाज नहीं आते हैं कई बार तो लोग किसी की इमेज खराब करने की कोशिश में भी ऐसा करते हैं। कई बार बच्चों को इसका शिकार बनाया जाता है , 14 से 16 या 17 साल के बच्चों के बोल्ड वीडियो, डांस या फोटो रिकॉर्ड कर लेते हैं और उसे शारीरिक संबंध बनाने की जोर डालते हैं। ऐसे कई लोगों को सिर्फ बच्चों के साथ संबंध बनानी होती है। इंटरनेट का इस्तेमाल संभलकर, सोच समझ कर करें। अपने बच्चे के लिए समय तय करें और देखें बच्चे क्या देख रहे हैं ,क्या कर रहे हैं और समय-समय पर हो रहे इस क्राइम के बारे में बताते रहें। बच्चों  को रात में बिल्कुल इंटरनेट की इजाजत न दें बच्चों के फ्रेंड लिस्ट , पासवर्ड ,एक्टिविटी की जानकारी जरूर रखें, क्योंकि सुरक्षा ही उपाय है बच्चों को नेट इस्तेमाल कम करने दे अनजान लोगों से दोस्ती न करने दें उन्हें समझाएं कि चैटिंग करते समय अपनी पर्सनल बातें ना बताएं और अनुचित डिमांड कभी भी ना सुने। बच्चों को जरूर बताएं कि अगर कोई चैटीग के दौरान  धमकी दे रहा हो,डराने की कोशिश कर रहा हो तो पुलिस या साइबर क्राइम से हमें मदद मिल सकती है, इसमें डरने की कोई जरूरत नहीं है इसलिए सबसे पहले घर वालों को इसकी जानकारी दें ।डरना परेशानी बढ़ाता है,भगाता नहीं है। बच्चों के मन में यह बातें आप बैठ कर समझा कर जरूर बताएं यह बात छुपाना अपने आपसे धोखा करना है। अपने आप को उसके चुंगुल में फसाना है, जिससे आप कभी नहीं निकल सकते।  एडल्ट साइट के नुकसान के बारे में अपने बच्चों को जरूर बताएं।यहां बच्चों को फंसाकर अश्लील बातें और वीडियो बनाकर उन्हें कब फंसा लिया जाता है यह पता ही नहीं चलता।अगर चैटिंग किया गया है तो कभी भी डिलीट ना करें चैट, ईमेल ,ऑडियो, वीडियो हमेशा रखें।अगर बार-बार मैसेज करके आप को फंसाने की कोशिश की जा रही हो तो ब्लॉक कर दे।बच्चों से लेकर महिलाओं और पुरुषों की संख्या भी कम नहीं है ।साइबर क्राइम का शिकार पुरुष ज्यादा होते हैं, पुरुष  इन सब बातों पर ध्यान  ज्यादा नहीं देते हैं और बिना सोचे समझे इसके शिकार ज्यादा होते हैं। बच्चे, बूढ़े या जवान,पुरुष हो या महिला सबको सचेत रहने की जरूरत है। फ्रेंड लिस्ट बढ़ाए मगर संभलकर चैटिंग करें सचेत होकर।साइबरसेक्स  के शिकार होने से बचे।इंटरनेट को सिर्फ जरूरत ही रहने दें जुनून ना बनने दें।एक सवाल अब है कि इससे बचे कैसे अपने बच्चों को कैसे बचायें।बस थोड़ी सी पहल की जरूरत है समय की जरूरत है अपना समय दें बच्चों को घर के लोगों को खुद को बिजी रखें जिससे सोशल साइटस से दूर रह सकते हैं,क्योंकि ये हमारी जिंदगी का हिस्सा बनते जा रहे हैं ।सही कहा मैंने।सोशल साइट्स जहाँ आज हमारे जीवन का हिस्सा बन गए हैं, वहीं पर हमारे लाइफ स्टाइल को बहुत बदल भी रहे हैं। कई अनमोल पलों को हमसे छीन रहें हैं। जहाँ हम साथ बैठकर बातें करते थे वहाँ आज वाट्सएप, मैसेज और फेसबुक ने ले ली है। और इतना ही नहीं अब इनसे जिंदगियों को भी खतरा हो गया है।

 

21 वीं सदी है यह। टेक्नोलॉजी की सदी। अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी को समर्पित युग। इसमें वर्चुअल वर्ल्ड की बलि एक मासूम लड़की चढ़ गई।भोईवाड़ा इलाके में एक नाबालिग लड़की ने खुदकुशी कर ली। हालांकि घरवालों का दावा है कि उनकी बेटी की मौत यूट्यूब पर देखे जाने वाले एस्ट्रल ट्रेवल वीडियो की वजह से हुई। घरवालों के मुताबिक 15 साल की श्रावणी अक्सर वो वीडियो देखा करती थी। इस प्रकार के वीडियो में बताया जाता है कि आत्मा को शरीर से निकालकर फिर से प्रवेश कराया जा सकता है। इसे जीते जी स्वर्ग की यात्रा के तौर पर जाना जाता है।

 

बहरहाल, आज की टेक्नोलॉजी का यह दुष्परिणाम है। वैसे रिश्ते जहाँ टेक्नोलॉजी से करीब आएं हैं वहाँ दूरियाँ भी आई है।हमें लगता है हम रोज मैसेज कर के बात कर लेते है फोटो देख लेते हैं। बस यहीं से दरार आनी शुरू हो जाती है।

 

सोशल साइट्स से जहाँ हमें बहुत सारी खुशी, फायदे मिलती हैं वहीं हमारी थोड़ी सी गलती हमारे रिश्तों को नुकसान भी पहुंचाती है।रिश्तों में शक हमारे जिंदगी की खुशियां छीन लेता है।सोशल साइट्स पर बहुत सारे लाइक्स और कमेंट जहांँ हमें खुशी देते है वहीं कहीं न कहीं परेशान भी करते हैं।

फालतु के मैसेज, फ्रेंड रिक्वेस्ट अलग परेशानी पैदा करते हैं।आज हम जिस तरह सोशल मीडिया के करीब जा रहें हैं कहीं न कहीं रिश्तों से दूर होते जा रहें हैं।सोशल साइट्स में बहुत सारे लोग हमारी और आपकी जिंदगी में जबरदस्ती घुसने की कोशिश करतें हैं।

 

आनलाइन होते ही मैसेज करना,फोटो भेजना मैसेंजर पर, वाट्सएप पर शुरू कर देते हैं।आपके नहीं चाहने पर भी कयी तरह की बातें वो बार बार मैसेज करते हैं।अगर घर के कोई अन्य सदस्य ने पढ़ा तो बहुत बुरा लगता है पर उन्हें उसकी कोई फिक्र नहीं होती। अगर लाइफ पार्टनर हो तो और भी ज्यादा बुरा लगता है।इसका असर धीरे धीरे बढ़ता जाता है।आज एक ही घर में रहकर हम फोन पर लगे होते हैं।चाय पी रहे हो तब भी, नाश्ता कर रहें हो तब भी,फोन हमारे साथ होता है।रिश्ते न के बराबर रिश्तों की मिठास, रिश्तों की खिलखिलाहट कहीं गुम हो गई है।जो जानकारी हम पहले अपने बच्चों को अपने पास बैठाकर ,समझाकर देते थे वो कहीं खोती जा रही है।

 

हाँलाकि सारी जानकारी उसे दोस्तों से मिलती है और कुछ टेक्नोलॉजी से भी वो ढूँढ लेतें हैं पर हम माँ पिता जिस तरह जिस प्यार और स्नेह से हम उसे बतायेंगे वो टेक्नोलॉजी तो नहीं दे सकती। जिस प्यार भरी हाथों को उसके सिर पर फेर कर हम उसे आने वाले दिनों का परिचय करायें वो उसे एक टेक्नोलॉजी तो नहीं दे सकती । वो एहसास सिर्फ़ एक माँ और पिता या दादा दादी ,बहन भाई  ही दे सकते हैं।

आजकल बहुत सी माता पिता कह देते हैं कि आजकल के बच्चे सब समझते हैं उसे सारी बातें पता होती हैं, हमें बतानें की नहीं जरूरत पर यही गलती हो जाती है। हमारी सोच गलत है यहाँ। बातें तो उन्हें पता होती हैं पर अधकचरा मतलब आधा अधूरा । जी हाँ सारी बातें वो नहीं समझ पातीं हैं जितना कि हम या आप उसे समझा पाएँगे।

 

माँ तो माँ होती है अपने बच्चों को वो ही अच्छे से समझती है उसे कौन सी बात किस तरह समझानी है उसे अच्छे से पता होता है। माँ बेस्ट फ्रेंड बन जाती है बढ़ते बच्चे की, बस थोड़ी समझदारी से। माँ से बेहतर कोई दोस्त नहीं होता अच्छे बुरे सब की समझ हम माँ ही बेहतर ढंग से समझा सकते हैं इसलिए अपनी बढ़ते बच्चे को अपने प्यार,अपनापन ,अपने हाथों का स्पर्श देकर उसे आने वाले बदलावों की जानकारी खुलकर देंआप बस आगे बढ़कर उसे अपना बेस्ट फ्रेंड बना लें हर बात वो खुलकर कहेगें और आपसे सलाह भी लेगे।जरूरत है आप के प्यार और स्पर्श की। अपने अंदर उठते सवालों को पूछ पाएगें फिर देखिए आपस बस अनमोल माँ और सबसे अच्छी दोस्त बन जाएँगी अपनी बढ़ते बच्चे के।आप हर लम्हा हर जरूरत में उसके साथ होगीं और कोई परेशानी उसे छू भी नहीं पाएगी क्योंकि उसके साथ होगी उसकी बेस्ट फ्रेंड उसकी माँ और केवल उसकी माँ।जी हाँ  एक बात याद रखें... रिश्तों को जगह दें फोन या सोशल साइट्स को नहीं। फेसबुक, वाट्सएप जिंदगी का हिस्सा हैं जिंदगी न बनने दें।रिश्तों को सहेजें संवारे अपना थोड़ा सा समय देकर।हाँ और एक बात 

 

सोशल साइट्स पर थोड़ा सतर्क रहें।अनजान से बातें ज्यादा न करें।जरूरत हो तभी करें।सोशल साइट्स के दोस्तों को पहले समझे परखें फिर मिलें जुलें।फ्रेंड रिक्वेस्ट आने पर पूरी प्रोफाइल चेक करें। और घर का कोई सदस्य अगर सोशल मीडिया या टेक्नोलॉजी का एडिक्ट है तो उस पर ध्यान दें।तभी हम साइबर सेक्सी बच सकते हैं बच्चों को अपना दोस्त बनाएं जिससे बच्चे आप से सारी बातें शेयर कर सके उनके मोबाइल चेक करते रहे प्राइवेसी जरूरी है लेकिन बच्चे किस तरह इस्तेमाल करते हैं यह भी देखना हमारी जिम्मेदारी है, तो अपनी जिम्मेदारी से भागे नहीं निभाए अपने परिवार को साइबरसेक्स से बचाएं खुद भी बचें सावधानी जरूर रखें। इंटरनेट का इस्तेमाल कम से कम करें।इंटरनेट को शौक ही रहने दें लत न बनने दें।

निक्की शर्मा रश्मि

 

 

 

 

 

 

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