पति का बटुआ

जीवन साथी हर सुख दुख का साथी होता है एक सुंदर कहानी।

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Resmi Sharma (Nikki )
Resmi Sharma (Nikki ) 07 Nov, 2020 | 1 min read

"रोहित जल्दी आ जाओ ...प्लीज| पापा की तबीयत बहुत खराब हो गई है, मैं हॉस्पिटल लेकर जा रही हूं, तुम उधर ही आ जाओ प्लीज| "

"क्या हुआ अचानक से? सीमा ऐसा क्या हो गया?"

"तुम बस प्लीज आ जाओ, मैं बाजू वाले भाई साहब को लेकर जा रही हूं हॉस्पिटल" सीमा ने फोन कट कर दिया|

सीमा पसीने से तरबतर थी| घबराहट से उसका बुरा हाल था| शाम को अचानक ससुर जी को सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई| पसीने से उनका बदन भींग रहा था| उसने तुरंत बाजू वाले को बुलाया, अच्छा था वह घर पर आ गए थे| उनकी गाड़ी में किसी तरह लोगों की मदद से डाला हॉस्पिटल ले जाने को|

सीमा अकेले परेशान थी क्या करूं क्या ना करूं| कुछ हो गया तो! नहीं... नहीं मम्मी जी भी ननद के घर गई हैं| हे भगवान क्या करूं?

आइए भाभी ... जल्दी से|

आप अंदर जाकर देखें डॉक्टर को हैं या नहीं मैं चाचा जी को लेकर आता हूं| हां हां...कहती सीमा तेजी से अंदर गई देखा डाॅक्टर थे| तब तक सब मिलकर पापा जी को भी लेकर आ गए| उनकी हालत खराब लग रही थी|

"आप सब बाहर बैठ जाएँ" डॉक्टर ने कहा|

सीमा बाहर चहल कदमी करने लगी, पसीने से बार-बार भीग रही थी और तभी डॉक्टर बाहर आ गए| उनको अटैक आया है| ICU में डाल रखा है, आप समय पर उन्हें लेकर आ गये, थोड़ी देर होती तो मुश्किल था बचना| पैसे काउंटर पर आप जमा कर दें और फॉर्म भरना पड़ेगा|

"थैंक्यू" डॉक्टर सीमा ने कहा|

सीमा कुर्सी पर बैठ गई और भगवान का शुक्रिया अदा किया| रोहित को फोन लगाया "रोहित पापा अब ठीक हैं, आईसीयू में हैं, अटैक आया था| डॉक्टर ने कहा तुरंत लेकर आ गए तो अब ठीक हैं वो| तुम आराम से आओ प्लीज वह डॉक्टर की देखरेख में हैं परेशान मत होना| बाजू वाले भाई साहब भी हैं|

सीमा मेरी तो जान में जान आई, अब खैर मेरी टिकट हो गई है मैं एयरपोर्ट जा रहा हूं रात तक आ जाऊंगा, घबराना मत|

हां ठीक है... सीमा ने कहा और फोन रख दिया भाभी जी आप फॉर्म भर दें में पैसे जमा कर देता हूं

नहीं भाई साहब पैसे हैं मेरे पास आप यहां बैठें मैं जमा करके आती हूं| सीमा ऑटो से घर आई हॉस्पिटल बिल्कुल नजदीक था| इससे परेशानी नहीं हुई और समय पर पहुंच भी गई| पहले हॉस्पिटल के सारे काम पूरी कर दूं पैसे और फाॅर्म जमा कर के फिर फोन करूंगी मम्मी को|

घर आकर उसने अपने पैसे निकाले 20000, रोहित रख कर गया था| उसने अपने जमा पैसे जो छुपा कर रखे थे वह पर्स निकाला ₹70000 थे| वह पर्स निकाल कर ले आई | आज पति के बटुए से निकाले पैसे समय पर काम आ गये| रोहित हमेशा 10, 20 हजार रखकर जाता है, घर पर कभी जरूरत पड़ जाए और जब भी सैलरी निकाल कर लाता है सीमा के हाथ में घर खर्च के पैसे दे देता है, फिर भी सीमा उसके बटुए से कुछ ना कुछ निकाल लेती थी| यह बात रोहित भी अच्छे से जानता था और उसे चिढ़ाता भी था| रोहित को भी अच्छा लगता था उसके बटुए से पैसे हक से सीमा निकाल लेती थी तो|

रीना सारे पैसे पर्स में डालकर हॉस्पिटल आ गई, सुकून था चेहरे पर और शांति भी| पैसे जमा करा कर वो कुर्सी पर बैठ गई| सचमुच बिन बुलाए आफत आ जाए तो बस ऐसे ही काम आते हैं छुपाकर रखे पैसे| हर मुसीबत में पति के बटुए से निकाले पैसे जोड़ जोड़ कर जो हम औरतें रखती हैं मुसीबत में ही तो काम आते हैं| बड़ा काम का है भैया पति का बटुआ से पैसे निकालना, अच्छा नुस्खा है| उसे खुद पर ही हंसी आई|

आंख बंद कर सोचने लगी थकान से आंखें लग गई सीमा सीमा

हां आ गए रोहित आप?

पापा कैसे हैं?

ठीक हैं अब वो|

पैसे हो गए जमा? बोलो मैं कर दूँ! कितने करने हैं बोलो?

शांत हो जाओ! सब हो गया है|

₹50000 कर दिए जमा| मेरे पास पैसे थे जो मैंने जमा कर दिए| जो आपके बटुए से धीरे धीरे निकाल लेती थी और कुछ आप भी देते थे| घर खर्च से जो पैसे बचाती थी वो भी थे वह गिनी तो 70000 हो गए थे|

अरे मेरे बटुए से निकाल कर अपने बटुए में डाल देना अच्छा है और मुझे खबर भी नहीं|

क्यों आप भी तो हर बार सैलरी लाने पर मुझे कुछ ना कुछ देते थे, फिर मैं यह सब जमा करती जा रही थी, तो आज वह काम आ गई|

सही कहा, एक बटुआ मेरा और दो बटूए में बंटा था और मुझे खबर भी नहीं लगने दी| इतने पैसे छुपा कर रखे हैं तुमने! अब तो मुझे तुम्हारे बटुए पर नजर रखनी होगी! बड़े काम का है ये मेरा बटुआ!

दोनों हंस पड़े|

रोहित खुश था, "मुझे पता था सीमा कुछ पैसे निकालती है और घर खर्च से भी बचाती है| बचत सीमा हमेशा करती है, सचमुच पति के बटुए पर जब तक पत्नी हाथ साफ ना करे पति को भी मज़ा नहीं आता|

सीमा भी हंस पड़ी| रोहित ने सीमा का हाथ अपने हाथ में लेकर आंखों से धन्यवाद कहा|

चलो पापा के पास चलते हैं|

लेकिन मेरा बटुवा? रोहित ने पुछा

सीमा ने अपने हाथों को आगे करते हुए कहा मेरे हाथ में जो मैंने अभी चुपचाप तुम्हारे पॉकेट से निकाल लिया और तुम्हें पता भी नहीं चला और दोनों खिलखिला कर हंस पड़े|

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