भोले

प्रार्थना

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rekha shishodia tomar
rekha shishodia tomar 29 Jun, 2020 | 1 min read

मैं रंग गयी भोलेनाथ तुम्हारे रंग में आज

अवध में तेरा राज, बिरज में तेरा राज

पूरन करो सब काज ,मैं वारी जावा 

मैं रंग गयी तुम्हारे रंग में आज

तुम ही गोपियों रास रचाते हो

तुम ही तो शबरी के झूठे बेर खाते हो

तुम ही तो कृष्ण बनकर गीता सार सुनाते हो

तुम हनुमान बनकर लंका जलाते हो

तुम ही तो पूतना संग कालिया जिलाते हो

तुम ही तो प्रभु भैरवनाथ कहलाते हो

तुम ही तो अर्जुन को छल से जिताते हो

तुम ही तो कण कण कण में समाते हो

तुम ही पवन में हो तुम ही गगन में

तुम ही जलज में हो तुम ही सूरज में

तुम ही हो आगे मेरे तुम मेरे ऊपर हो

तुम ही हो पीछे मेरे तुम मेरे भीतर हो

तुम ही हो साथी बन्धु तुम ही सजन हो

तुम ही हो गीत मेरा तुम ही भजन हो

तुम ही नयन बसे नयनो की धार में

तुम ही काजल बसे तुम हर पात मे

तुम ही हो मौन में और मेरी हर बात में


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Comments

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  • Kumar Sandeep · 5 years ago last edited 5 years ago

    जय भोले। सुंदर रचना

  • Sushma Tiwari · 5 years ago last edited 5 years ago

    कितना सुंदर लिखा है

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