बस और नाए

ब्रज भाषा में कहानी

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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'
Radha Gupta Patwari 'Vrindavani' 28 Jun, 2020 | 1 min read

"तुम मोकूं कैसे धोखो दै सको हो।तुमें जे याद है के नाए?हम दोनन ने साथ रहवे की कसम खाईंं ही।फिर का है गौ?काहे कूँ मोकूँ अधर में छोड़ रे हो।"-रोते भये लता ने कही।

"कौन कूँ पियार?कैसौ पियार?पियार वियार कछु न हैवे।दो दिना की जिन्दगी है।घूमौ-फिरौ,ऐस करौ।कौन करै है पियार,शादी करवै के ताईं।कौई नाए।"-मोटर साइकल बैठे भये नवीन ने कही।

"जाको का मतलब भयो?जो पिछले तीन बरस में हमारे बीच में हो,सब झूठो हो!तुमने ने तो कही ही तुम मोते ब्याह करवो चाहो हो।फिर तुम एकदम से कैसे पलटा मार गये।"-लता ने अपनो सिर नवीन के सीना में रख दियो।

नवीन लता कूँ दूर छटक के बोलो-"मैं तोते आखरी बार केह रह्यो हूँ।या तो तु्म मोते राजी-राजी से अलग है जाओ या मैं कोई दूसरो रस्तो निकाल लऊँ।"

लता रोते भई अपने घर कूँ आई और अपने कमरा को भीतर ते बंद करके खूब देर तक रोती रई।जब लता बाहर रोटी खाबे कूँ न निकरी तो वाकी मइया ने बहौत मुश्किल ते किबाड़ खुलबाऐ।माँ कूँ देखके लता माँ ते लिपट गई और कॉलेज में जो कछु भयो सब बताइ दियो।

लता की मइया अपनी लाली लता को चुप कराती भई बोली-"जित्तो रोनो है,लतो तू रो ले पर जाके बाद तोकूँ अपने कैरियर पर पूरो ध्यान देनो है।अच्छो भयो जो बाने तोए आज अकेलो छोड़ दियो।अगर ब्याह के बाद छोड़तो तो कैसे खुद को संभालती।ऊपर बारे को धन्यवाद दे जो बाने तुमकूँ घोर अंधेरे ते बचाए के उजालो दियो है।"

माँ की जे शब्द सुनकर लता को कछु भरोसो भयो।लता ने हाथ मुँह पैर धोए और रोटी खाबै के बाद इम्तिहान की तैयारी मैं जुट गई।

धन्यवाद

स्वरचित, मौलिक व अप्रकाशित


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Radha Gupta Patwari 'Vrindavani'

radhag764n

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Babita Kushwaha · 3 years ago last edited 3 years ago

    वाहकौन कूँ पियार?कैसौ पियार?पियार वियार कछु न हैवे।दो दिना की जिन्दगी है।घूमौ-फिरौ,ऐस करौ बहुत अच्छा और सबसे अच्छी लाइन 👌👌

  • Radha Gupta Patwari 'Vrindavani' · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद बहन

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