डर

मानसिक डर

Originally published in hi
Reactions 0
333
Prem Bajaj
Prem Bajaj 09 Nov, 2020 | 1 min read

हाँ मुझे डर लगता है..... ...हाँ मुझे हर शय से डर लगता है ।

 किसी को अपना बनाने से डर लगता है ,

किसी का हो जाने से डर लगता है ।

ख़ामोश रहने से डर लगता है, बात करने से डर लगता है ।

कहीं कोई बिछुड़ा हुआ ना मिल जाए इस बत से डर लगता है

 कहीं कोई अपना ना बिछुड़ जाए इस बात से डर लगता है ।

कहीं तुम ख़्वाबो मे ना आ जाओ इसलिए सोने से डर लगता है,

कोई तुम्हे मेरी आँखो में ना देख ले, इसलिए आँखे खोलने से डर लगता है ।

 ग़र हूँ बेसहारा ...तो डर लगत है, ग़र कोई दे दे सहारा .. तो भी डर लगता है ।

कौन अपना है ,कौन पराया, यही सोच कर मुझे डर लगता है ।

......हाँ मुझे हर शय से डर लगता है ।

0 likes

Published By

Prem Bajaj

prembajaj1

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.