होली की यादें

सुहानी यादें होली की

Originally published in hi
Reactions 0
667
prem bajaj
prem bajaj 25 Mar, 2021 | 1 min read



फाल्गुन यानि होली का त्योहार।

 होली मुझे बहुत पसंद है, खूब रंग- गुलाल और,पानी से खेलना और सबको ऐसा रंगना कि कोई भी पहचान में ना आएं और उस पर सोने पे सुहागा ये कि दही-बड़े, गुझिया, चाय-पकौड़े, जलेबी और भी बहुत से पकवान मिलते हैं खाने को खूब मज़ा आता है।

होली तो पसंद है ही उस पर शादी की पहली होली, अभी कुछ ही दिन हुए थे शादी को, सोच रही थी मालूम नहीं यहां सब होली पर क्या करेंगें, ना मालूम खेलेंगे या नहीं, मन में दूविधा थी, क्या कहूं किसी से। ख़ैर चुप रही कि चलो समय आने दो फिर देखते हैं। होली से एक दिन पहले ही देवर जी सब सामान ले आए थे, और बोले, " भाभी आपकी पहली होली है ना, खेलोगे ना हमारे साथ"!

हम भी जोश में आ के बोल बैठे, "हां, हां क्यों नहीं देखना हम क्या रूप बदलेंगे सबका"।

सासु मां सुन रही थी बोली, " बिटिया हम तो खेलते नहीं होली बस ये बच्चे लोग बाहर ही खेल आते हैं, अगर तुम्हें होली खेलना पसंद है तो तुम साक्षी( ननद) के साथ खेल लेना"।

क्या करते, झूठ-मूठ बोल दिया, "नहीं मम्मी जी इतना भी नहीं, कोई बात नहीं हम भी आपके साथ कम में हाथ बंटा देंगे"

  होली का दिन आ गया, सुबह उठ तो गई मगर मन में अजीब सी हलचल कि होली का हुड़दंग कैसे और कहां मचाए, शादी से पहले तो फ्रैंड्स के साथ धमाल किया करते थे। उठकर जैसे ही बाथरूम में गए तो आइने में खुद को देखकर चीख निकल गई कि ये हमारे बाथरूम में कौन आ गया, आवाज़ सुनकर सब आ गए और लगे दरवाज़ा खटखटाने, और जैसे ही हम बाहर निकले सब हंस-हंसकर लोट-पोट हो गए, सासु जी बोली, " ये तुम्हारे देवर और ननद का काम है, देखो तो कैसा सजा दिया मेरी बहु का चेहरा" और उस पर और गुलाल लेकर मेरे चेहरे पर लगा दिया,बोली, "होली मुबारक बिटिया। तुम्हें होली खेलना पसंद है ना तो दिल खोल‌कर होली खेलो, आज से हम भी तुम्हारे साथ होली खेलेंगे"!

खुशी से मेरी पलकें भीग गई, और मैंने भी मम्मी जी को रंग लगाकर उनका आशीर्वाद लिया, और फिर हम सबने मिलकर खूब होली खेली नाच-गाना हुआ, दरअसल मुझे बाद में पता चला कि मम्मी जी ने मेरे मायके में फोन करके पूछा लिया था कि मुझे क्या पसंद है, और उन्होंने सब वही पकवान बनवाए,

आज वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका आशीर्वाद हमारे साथ है। आज भी हर होली पर उनकी बातें याद रहती है।


प्रेम बजाज

0 likes

Published By

prem bajaj

prembajaj

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.