prem bajaj
prem bajaj 22 Aug, 2025
भ्रष्टाचार
तोड़ कर दीवार नफरतों की, मोहब्बतों के किले बनाए जाएं, छोड़ अपने-पराए का नारा, भूल जात-पात को सब भेद मिटाएं, ना करें बातें हम ऊंच-नीच की, हर इनसां को इनसां की नज़र से देखें, ना करें काम भ्रष्टाचार के ना कभी हम उसूल, नियम, संस्कार बेचें, प्रेम बजाज © ® जगाधरी ( यमुनानगर)

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by prembajaj

22 Aug, 2025

भ्रष्टाचार

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