मेरी नादान बेटी के भगवान राम!

This is true story that happened with me and my daughter.

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Poonam chourey upadhyay
Poonam chourey upadhyay 11 Aug, 2020 | 1 min read
Children Innocent Ram Religion

बात कुछ 6 महीने पहले की ही है। मेरे घर के पास में एक हनुमानजी का मंदिर है। हनुमानजी के मंदिर मैं कभी भी चले जाया करती हूं और कभी मेरी बेटी को भी अपने साथ लेकर जाती हूं।

मंदिर के पंडितजी जब सबको प्रसाद देते थे तो वो हमेशा एक लाइन बोलते हैं।

राम लक्ष्मण जानकी,जय बोलो हनुमान की।

और साथ में जिसको भी प्रसाद देते,उन्हें भी ये लाइन बोलने को कहते हैं।

एक दिन की बात है।रात में मैं अपनी बेटी को सुलाते सुलाते साथ में ये लाइन भी बोलते जा रही थी-राम लक्ष्मण जानकी,जय बोलो हनुमानकी।बस मेरा इतना बोलना ही हुआ था कि एक के बाद एक मेरी बेटी के सवालों का तांता लग गया।

बेटी बोली-माँ ये राम कौन थे।

मैंने बोला-ये हमारे भगवान है।

इतनी छोटी को रात में कितना समझाती।मैंने सोचा,ये अब सो जाएगी।पर बच्चों के सवाल तो कभी खत्म नहीं होते।

उसने बोला-माँ ये कहाँ रहते है।उनका घर कहाँ है?

मैंने बोला-जैसे आपका घर बैंगलोर में है वैसे ही उनका घर अयोध्या में है।

बेटी ने फिर बोला-माँ ये लक्ष्मणजी कौन है।

मैंने बोला-रामजी के भाई है बेटा वो।

बेटी बोली-जानकी जी कौन है।अब मुझे समझ आ गया था, कि जो लाइन पंडितजी बोलने को बोलते है,बेटी उस लाइन के हिसाब से एक एक करके मुझसे सवाल कर रही है।

मैंने बोला-रामजी की पत्नी थी जानकी,जिन्हें हम सीता माता भी बोलते हैं।

अब वो मुझसे कुछ आगे पूछती इतने में मैंने ही तपाक से बोल दिया,बेटा अब आप पूछोगे की जब ये सब भगवान हैं तो हम हनुमानजी के मंदिर क्यों जाते है और हनुमानजी कौन है?

मैंने बोला, हनुमानजी रामजी के सेवक थे।जो भी चीज़ की रामजी को ज़रूरत होती थी,हनुमानजी उनको लाकर देते थे।जैसे आप जो भी चीज़ अपनी मम्मा से मांगते हो,वो आपको लाकर देती है ना।

बस अब तो मेरी बेटी की नींद भी लग गयी थी।और मैं भी यहाँ सोच रही थी, कि बच्चे कितने प्यारे होते है उन्हें सब चीजों को जानने की कितनी उत्सुकता रहती है।

ये कहानी मेरी सत्य घटना पर आधारित है।आशा है आपको ये कहानी पसंद आएगी।

@poonamchoureyupadhyay

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