दाग से नाज तक

#colour#skin implication # they are all beautiful # different skin colour # acids and vitiligo....#love# motivation # poem as song....

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Neha Srivastava
Neha Srivastava 06 Nov, 2020 | 1 min read
Nehadeep💐💐

चांद में भी दाग है ,.फिर भी उसे नाज हैं,

मुझमे भी दाग है, फिर मुझे नाज नहीं क्यों....

घर से जब भी, मै बाहर को निकलू.....

लोग मुझे घूरे हैं ,जैसे पहली बार मिलू..

चेहरा मेरा देखकर ,लोग मुझे घूरते है...

जैसे मैं कोई ख़ास हूँ....

हां ,,हूं,, मैं खास.....

हां ,,,मुझे नाज है, मुझे ये विश्वास है...

जैसे तुम पाक़ हो, वैसे मैं भी पाक़ हूं..

अपने लिए हूँ ,मैं एकदम perfect

पर तुझे करती हूं क्यों distract

हां मुझे गर्व हैं ,मैं चाहे जो करू..

हर रोज ,,मुझे मिलते हैं ,,कई लोग ....

कुछ की बातें ,,मेरे घर कर जाती ...

मन ही मन मैंं,,उसको दोहराती ....

हां,, मैं खास हूँ और तुम भी खास हो .....

हां ,,सुनती हूं मैं सबकी ,,,

पर करती अपने मन की....

चांद में भी दाग है ,फिर भी उसे नाज हैं...

मुझमे भी दाग हैं ,,फिर भी मुझे नाज़ है....

हां ,हूँ मैं खास ...हां, हूँ मैं खास... मुझे ये विश्वास है...






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Neha Srivastava

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