ईश्वर एक ,रुप अनेक

I worship you.....

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Neha Srivastava
Neha Srivastava 26 Jun, 2020 | 1 min read

हम सब ईश्वर की पूजा करते हैं , इसमें सबकी अपनी-अपनी आस्था और अपना विश्वास होता हैं। मेरा मानना है कि ईश्वर कण कण मे होते हैं, हर जगह पर विद्यमान होते हैं ,हम सबके अंदर होते हैं,इसीलिए हम सब को अपने ऊपर पूर्ण विश्वास करना चाहिए, हमें हमेशा अपने अच्छे कर्म करने चाहिए ।

सबसे ऊपर अपने माता पिता को रखना चाहिए.....उनकी सेवा करते रहना ,जिन्होंने हमें इस सुंदर धरती पर लाया है। अपनी दोस्त, भाई बंधुओं से प्रेमपूर्वक रहना चाहिए, अपितु सभी मनुष्यों अच्छा व्यवहार करना चाहिए।ईश्वर एक है ,बस रूप अनेक हैं..कभी राम तो कभी रहीम है।

.....हमें बड़ों का सम्मान और छोटों से ढेर सारा प्यार करना चाहिए ,हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि हमारे व्यवहार से किसी भी इंसान ,जीव जंतु और पक्षियों को कोई तकलीफ न होने पाए ।हमें अपनी हर काम को यथासंभव करना चाहिए हमें ईश्वर में पूरा विश्वास रखना चाहिए, पर अंधविश्वास बिल्कुल नहीं करना चाहिए। अपनी पूर्ण विश्वास से हर काम करना चाहिए।

अगर फिर भी कोई गलती हो रही हो, कई बार कोशिश करते रहना चाहिए.।

पर जब हमें चारों तरफ कुछ न समझ में आए ,उस समय थोड़ा ठहराव व रुकना उचित होगा और ईश्वर में विश्वास करना होगा वे हमें कोई ना कोई रास्ता जरूर दिखाएंगे....

आज कुछ ऐसा ही समय है सरकार ,डॉक्टर, पुलिसकर्मी और कई संस्थाये ,लोग इस करोना काल में अपनी-अपनी कोशिश कर रहे हैं ,पर एक समय लगता है इतनी लाख कोशिशों के बाद भी कितनी जानेंं जा रही है ऐसे समय हमारी आस्था और विश्वास ईश्वर में और बढ़ जाता है।

हे ईश्वर ऐसा कोई रास्ता दिखाओ जिसे कोई राह नजर आए.......

यह समय थोड़ा ठहराव ,थोड़ा सब्र रखने का है, क्योंकि चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा है दूर एक रोशनी नजर आ रही है ,पर थोड़ी दूर है.....बस हमें अपनी कोशिश जारी रखनी हैं..... इसलिए हमें थोड़ा इंतजार करना पड़े सकता हैं।

ईश्वर एक हैं रूप अनेक हैं....

कभी राम तो कभी रहीम हैं।

कर्म है ,ईश्वर की सबसे बड़ी आराधना और उपासना

कर्म ही है, सबसे बड़ी पूजा ,

इसके सिवा ना कोई दूजा।

जो हम अच्छे कर्म है करते,

ईश्वर स्वयं धरती पर उतरते....

जो हम दे पाए अच्छे संस्कार अपने बच्चों को ,

वही हमारा कर्म है ,वही हमारा धर्म और वही हमारी पूजा हैं।

इसके सिवा ना कोई दूजा।

ईश्वर है सब जगह विराजे,

ना मानो तो पत्थर ,मानो तो भगवान है

गलती कर कर के सीखें हम, क्योंकि हम इंसान है।

ईश्वर मे आस्था बनाए रखें और अच्छे कर्म करते रहे..... बस मेरी यही अभिलाषा है।

शुक्रिया ,मेरी भावना पढ़ने के लिए....

@ नेहा श्रीवास्तव

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