अंजोरा: एक टुकड़ा भोर का--- की एक छोटी सी समीक्षा

किंडल बुक ,"अंजोरा"--- की एक समीक्षा

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Moumita Bagchi
Moumita Bagchi 17 Dec, 2020 | 1 min read

पुस्तक का नाम:      अंजोरा: एक टुकड़ा भोर का

लेखिका :                आकांक्षा नितेश श्रीवास्तव


"अंजोरा : एक टुकड़ा भोर का "यह नाम बहुत ही प्यारा लगा मुझे। यह पुस्तक छोटी- छोटी कहानियों का एक संग्रह है जिन्हें लेखिका स्वयं ' क्षणिकाएँ" कहती हैं। सारी कहानियाँ इस तरह लिखे गए हैं जो भोर के टुकड़ों जैसे ही सुखदानुभूति देनेवाले हैं।


हाँ, ये क्षणिकाएँ छोटी जरूर है परंतु यह कहने से कोई अतिश्योक्ति न होगी कि इन छोटे गागरों में भावों का अथाह सागर समाया हुआ है।


हर एक क्षणिका एक नए फ्लेवर के साथ आपके सामने उपस्थित होती है और उनको पढ़ने के बाद आपके विचारों का मंथन शुरु हो जाता है। वे इतनी विचारोत्तेजक हैं कि आप सोचने को मजबूर हो जाते हैं और अंततः लेखिका के साथ सहमत हुए बिना नहीं रह पाएंगे!


कहानियों के नाम भी बड़े अद्भुत हैं। लगता है कि उन्हें लेखिका ने बड़े यतन से चुने हैं --जैसे- "विज्ञान का पर्चा", " मेरे हनी की हानिकारक बी", " कोमल पत्तियाँ", "पुरुष- प्रेम", " लाॅकडाउन", " समय का फेर", " बचपन से पचपन तक" आदि।

लेखिका की भाषा और प्रस्तुति बहुत ही सुंदर एवं अनायास है।


यह पुस्तक एमेजाॅन किंडल में इस समय उपलब्ध है। आशा करती हूँ कि आप सभी समय निकालकर इसे एकबार ज़रूर पढ़ेंगे।


लेखिका के उज्जवल भविष्य के लिए मैं ईश्वर से कामना करती हूँ।

-------- मौमिता बागची

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