प्यार का रंग सुनहरा

A tale of old age marriage

Originally published in hi
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Moumita Bagchi
Moumita Bagchi 19 Mar, 2021 | 1 min read
Oldage

" सुनो,शादी करोगी मुझसे?"

" शादी? तुमसे?? शक्ल देखी है अपनी?"

इस बात पर दोनों हँस पड़ते हैं।

हँसते समय मुँह में आधे बचे दाँत दिखलाई दे जाते हैं।

"हमारे बच्चे, नाती-पोते क्या कहेंगे? बुढ़ापे में इन दोनों पर इश्क का भूत सवार हो गया है?"

" इश्क का भूत तो पहले ही सवार हुआ था।"

" कहा भी तो था, तुमसे। उस समय भी तो इस बात पर हम अलग हुए थे कि लोग क्या कहेंगे? आज भी वही दुविधा गई नहीं तुम्हारी!"

" क्या पता कितनी आयु शेष बची है, कोई इच्छा अपूर्ण क्यों रह जाए? अगले जन्म को किसने देखा है? तुम्हारे पति नहीं रहे और मेरी पत्नी ने मुझे दस साल पहले ही तलाक दे दिया है। बच्चों ने भी अपनी-अपनी गृहस्थियाँ जमा ली हैं। फिर अब बाधा किस बात की है?"

सुहागरात की एकांत में एक साठोत्तरी दम्पती ने जब एक दूसरे की ओर देखा तो दोनों के चेहरे ही गुलाबी रंग धारण कर गए। क्या कहूँ, कि उनके सुनहरे आयु की काया पर इस समय चढ़ा हुआ वह गुलाबी रंग कितना फब रहा था!

इश्क क्या केवल युवाएँ ही कर सकते हैं?  

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Comments

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  • Charu Chauhan · 4 years ago last edited 4 years ago

    Wowwww...........

  • Sonnu Lamba · 4 years ago last edited 4 years ago

    Wahhhhhhh

  • Kumar Sandeep · 4 years ago last edited 4 years ago

    संदेशप्रद

  • Shilpi Goel · 4 years ago last edited 4 years ago

    ??

  • Moumita Bagchi · 4 years ago last edited 4 years ago

    चारु जी, सोनू जी, संदीप जी और शिल्पी जी आप सभी का तहे- दिल से शुक्रिया?

  • Babita Kushwaha · 4 years ago last edited 4 years ago

    bahut khub

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