दुर्लभ का आकर्षण

Love poem

Originally published in hi
Reactions 0
345
Moumita Bagchi
Moumita Bagchi 02 Feb, 2021 | 1 min read

यह मनोमुग्धकारी रूप

छोटे किंतु सुंदर मीन सरीखे नैन,

हृदयगत भावों की अभिव्यक्ति से भरपूर हैं जो,

और आस्वादन का निमंत्रण देते लब

तैरती रहती जहाँ सदा एक मोहक सा मुस्कान,

काले घुंघराले बाल,

वह खूबसूरत गेहुआं रंग!

वह छरहरा बदन,

वह 6 फूट का कद।

वे दीर्घबाहु, वह उन्नत माथा,

वह तराशे हुए नासा, 

यह सुललित ग्रीवा,

और कानों में देर तक मधु- रस घोलता सा वह स्वर!

वह सुदृढ़ व्यक्तित्व ,

वह दयालु दृष्टि, वह दृप्त चाल ,

वे धीर कदम, वह वीर वक्ष,

व सुंदर कटाक्ष---

स्याम सलोने मेरे----

क्या दुर्लभ हो इसलिए ,

इतना आकर्षित करते हो?

0 likes

Published By

Moumita Bagchi

moumitabagchi

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.