वो तुम हो माँ #mothersday poetry challenge

माँ पर एक कविता

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 1198
Sunita Pawar
Sunita Pawar 09 May, 2020 | 1 min read


जहाँ सिर झुकाने से हर मन्नत पूरी हो  

वो खुदा और मंदिर

तुम हो माँ

जहाँ बेफिक्र लेट कर हर थकान मिटा लूं

वो मखमल सी गोदी

तुम हो माँ

जहाँ भूख मिटे जन्मों जन्मान्तर की

वो रोटी का निवाला खिलाती

तुम हो माँ

जहाँ गमों सी भरी इस धरा की प्यास बुझे

वो पहली बूँद की खुशबू

तुम हो माँ

जीने के लिए जो पल-पल की जरूरत है

वो प्राणों में साँसें भरती

तुम हो माँ

तुम हो माँ 

सुनीता पवार


0 likes

Support Sunita Pawar

Please login to support the author.

Published By

Sunita Pawar

meri_pankti-man_ke_vichar023h

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.