"If I were a Doctor"

ईश्वर हम तक नहीं पहुंच पाता इसलिए उसने मां के बाद डॉक्टर को माध्यम बनाया। इस महामारी के समय जब सारे धर्म स्थल बंद थे तब सिर्फ अस्पताल खुले थे जहां डॉक्टर और नर्स पीड़ितों की सेवा में निस्वार्थ भाव से संलग्न थे।

Originally published in hi
❤️ 1
💬 1
👁 877
Madhu Kaushal
Madhu Kaushal 04 Jul, 2020 | 1 min read

  आज ऑपरेशन करते हुए रूही के हाथ कांप रहे थे ऑपरेशन टेबल पर सामने वही कुटिल चाचा पड़े थे जिन्होंने पिता की मृत्यु के बाद उसे और मां को घर से बेदखल कर दिया था मां ने मेहनत करके उसे डॉक्टर बनाया अतीत के कटु अनुभव उसे कमजोर बना रहे थे नफरत करने उकसा रहे थे अनुभवी सर्जन थी पर आज विचलित थी अचानक पेशे की शपथ यादआते ही सब भूलकर ऑपरेशन किया जो सफल रहा ओटी से बाहर आकर उसने सुकून कि सांस ली कि उसने अपना जमीर ज़िंदा रखा और पेशे से वफादारी की।

यदि मै डॉक्टर होती तो रूही जैसे डॉक्टर्स को आदर्श बनाकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करती। आज के दौर में होने वाली बुरी घटनाओं से ये तो ।सिद्ध हो गया है कि जीने के लिए सिर्फ आत्म संतोष की जरूरत है धनदौलत,शोहरत भागम भाग स्पर्धा ये सब बेकार की बातें है इन सब बातों से ऊपर उठकर अपने सामने आने वाले पेशेंट का यथासंभव इलाज करूंगी क्योंकि जब मरीज़ डॉक्टर के पास आता है उसे उनमें भगवान नजर आता है इसलिए अपने पेशे को लज्जित नहीं करूंगी ।दुश्मन भी सामने हो तो अपने धर्म का पालन करूंगी क्योंकि दुनियां में बदला नहीं बदलाव की आवश्यकता है।डॉक्टर्स के नोबल प्रोफेशन को मै सलाम करते हुए चाहूंगी कि मै भी अगले जनम डॉक्टर बनूं ।इस कोरॉना काल में डॉक्टर्स की महत्ता को सबने स्वीकार किया है ।

  

       

        

1 likes

Support Madhu Kaushal

Please login to support the author.

Published By

Madhu Kaushal

madhu56k1y

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.