औरत कितनी अजीब है।सुखे मौसम में बारिश की बूंदों के लिए हर वक्त तरसती है पर हल्की बूंदों से कपडों,सूखने डाली मिर्ची को बचाने के लिए ऊपर भागती है।कैसी होती है ये औरतें!जल्दी से घर काम निपटाती है कि पति और बच्चे जलदी से घर से निकल जाएं पर फिर भी सबके ईन्तजार में दरवाजे पर नजरें टिकाए रखती है।रोज रात को सोचती है।सुबह जल्दी उठकर घर का सारा काम निपटाकर कुछ अपने लिए समय निकालूंगी पर थोड़े समय खाली बैठकर जल्दी बौर हो जाती है।समय वर्यथ ना जाऐ यह सोचकर फिर काम में लग जाती है।कैसी है ये औरत जो कभी खुद को भी समझ ना पाईं।
"कल से अपने लिए जिऊंगी"
कल से अपने लिए जीऊंगी बोलने वाली कभी खुद को समझ ना पाईं।
Originally published in hi
Kemmy Bindra
09 Jul, 2020 | 0 mins read
#Owntime
#Neverunderstand
#Ladieslife
#Unknown
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