ए वक्त रुक जा

वक्त का पहिया कभी रुकता नही..

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kanchan jain
kanchan jain 24 Jan, 2020 | 0 mins read

ए वक्त रुक जा,थम जा, ठहर जा जरा

एक बार फिर से जी लेने दे जरा

कुछ पल जिन्दगी के चुरा लेने दे जरा

कुछ सपने अभी अधूरे है

उन्हें पूरा कर लेने दे जरा

कुछ वादे अभी बाकी है

उन्हें निभा लेने दे जरा

ए वक्त रुक जा,थम...

कुछ अपने रूठे है

उन्हें मना लेने दे जरा

कुछ रिश्ते बिखर गये है

उन्हें संभल जाने दे जरा

कुछ जख्म दिये है लोगो ने

उनपर मरहम लगा देने दे जरा

एक और मौके की तलाश है मुझे

एक बार खुद को तराशने दे जरा

ए वक्त रूक जा,थम जा...

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kanchan jain

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