वो मेरे लिया खास है

एक दोस्त ने अपने दोस्त से पूछा कि वो चली गई फिर भी तुम उसका इंतेज़ार क्यू करते हो।

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Jyoti agrawal
Jyoti agrawal 18 Jun, 2020 | 1 min read
Memories Love Frienship

हां वो मेरे लिए बहुत खास हैं 

हां वो मेरे दिल के बहुत पास हैं

हां मानता हूं रूठी हुए है मुझसे

मुझे नाराजगी खत्म होने की आस हैं।


अब छोड़ भी से ना मानना उसे

कब तक उसका इंतज़ार करेगा

वो चली गई है छोड़कर अकेला

तू कब तक उसकी राह तकेगा।


अभी तो वक़्त हैं वो मान जाएगी 

वो लौटकर मेरे ही पास आएगी

इतनी यादें तो सजाई गई साथ में

उस कभी मेरी भी याद आएगी


चल मान लिया तेरी बात को 

पर वजह क्या है इंतेज़ार की 

दोस्त ही तो थीं और भी तो हैं

फिर उसमें क्या खास बात थीं।


क्या ख़ास था नहीं यह पूछो 

की उसमे ख़ास क्या नहीं था।

उसने मुझे फिर से जीना सिखाया

मुझे भटकते रास्ते से हटाया

छोड़ दिया मैंने सभी को तन्हा

उसने सबसे फिर जुड़ना सिखाया

जो इंसान नहीं जानता था करना कद्र

उस उस दोस्त ने कद्र करना बताया।


फिर क्यू चली गई वो इतना सब सिखाकर

अगर उसने तुझे कद्र करना सिखाया 

तो क्यू ना के पाई वो तेरी कद्र


इस सवाल पर ही तो मैं भी अटका हूं,

आखिर ऐसा हुआ क्या 

जो इंसान ही बदल गया

जो सबसे बात करते रहता 

अब वो इंसान ही चुप हो गया।


आखिर ऐसा हुआ क्या?

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Jyoti agrawal

jyotiagrawal_m

Comments

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  • Akhilesh Upadhyay · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत ही सुंदर ।

  • Moumita Bagchi · 3 years ago last edited 3 years ago

    अच्छी है, इंतज़ार की घड़ी भले ही लंबी हो पर फल इसका मीठा हो सकता है।

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