प्रण

हम आज यह प्रण लेते हैं देश को उन्नत बनाने का दृढ़ता से प्रण लेते हैं,

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Juhi Prakash Singh
Juhi Prakash Singh 20 May, 2022 | 1 min read

हम आज यह प्रण लेते हैं

हर व्यक्ति समाज की एक इकाई है,

इन इकाइयों का संगठन समाज को बनाता है

जैसे बूँद बूँद मिलकर विशाल सागर बनाती हैं,

वैसे हर इकाई वह ईंट है जो समाज की दृढ़ता को दर्शाती है

कपड़े की गुणवत्ता जैसे उसके हर धागे की गुणवत्ता पर निर्भर है,

वैसे ही समाज भी उतना ही गुणवान होगा जितना कि उसकी हर एक इकाई है

जिस समाज की इकाइयां उच्च मूल्यों से निर्मित हैं,

वह समाज भी उतना ही उच्च औऱ उन्नत है

समाज से ही देश निर्मित होता है,

जो समाज उच्च औऱ उन्नत मूल्यों पर आधारित हुआ तो देश आप ही उन्नत हो जाता है

जब हर इकाई उन्नति का प्रण ले आगे बढ़ती है,

तब समाज औऱ देश की उन्नति भी आप ही होती है

तो चलिए देश को उन्नत बनाने का दृढ़ता से प्रण लेते हैं,

देश औऱ समाज के उज्जवल भविष्य की कसम लेते हैं

स्वयं को बदलकर उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं,

हम सब मिलकर समाज औऱ देश को उन्नति के पथ पर ले आगे बढ़ते हैं...

- ©️जूही प्रकाश सिंह

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