ढाई अक्षर प्रेम के

Many colours of love

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Juhi Prakash Singh
Juhi Prakash Singh 25 Feb, 2021 | 1 min read

प्रेम भरे जीवन में रंग खुशनुमा

बिन प्रेम जीवन सूना

प्रेम के धागे पिरोए सब रिश्ते

इस डोर से बंधे हैं सब दिलों के नाते

इस छोटे से अक्षर के रूप हैं बहुतेरे

इसकी छटा लिए है कई रंग घनेरे

माता पिता का प्रेम अपनी संतान के लिए

ईश्वर की दिव्यता है अपने में परिपूर्ण लिए

भाई- बहिन का प्रेम है देता जीवन भर के साथी

जीवन के हर उतार चढ़ाव में होते हैं जो अटल संगी साथी

जीवन साथी का प्रेम है सबसे अनोखा प्यारा

मिल जाए जिसे हो जाए उसका जीवन अद्भुत न्यारा

सखी सहेली और यार दोस्त

यह भी कर देते ज़िन्दगी को अपने प्रेम से ओतप्रोत

चर अचर के प्रति दया व सहानुभूति

है यह भी प्रेम की एक सुंदर अनुभूति 


ईश्वर से प्रेम है भक्ति का दूसरा नाम,हो जाए गर ईश्वर से सच्ची प्रीती प्रतीति ,

हो जाए जीवन सफल, पूरन हो जाएं सब काम

प्रेम से चलता इस रचना का सब कारोबार

जो भी हो रहा इसमें है सब दिव्य प्रेम की ही गुंजार


- ©️जूही प्रकाश सिंह 

#1000poems


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