ज़िन्दगी एक रंगमंच

ज़िन्दगी एक रंगमंच है जहाँ हर कोई अपने किरदार की अदाकारी से तालियों की गड़गड़ाहट को कमाना चाह रहा है, और इस रंगमंच में रंग का उतना ही महत्व ही जितना कि एक विवाहित स्त्री के माथे पर सिंदूर.....अगर ये रंग उतर गया....तो ज़िन्दगी विधवा लगने लगती है।

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Jahaji sandesh
Jahaji sandesh 29 Mar, 2021 | 1 min read

ज़िन्दगी एक रंगमंच है जहाँ हर कोई अपने किरदार की अदाकारी से तालियों की गड़गड़ाहट को कमाना चाह रहा है, और इस रंगमंच में रंग का उतना ही महत्व ही जितना कि एक विवाहित स्त्री के माथे पर सिंदूर.....अगर ये रंग उतर गया....तो ज़िन्दगी विधवा लगने लगती है।

वहीं गौर करने वाली बात ये है कि ज़िन्दगी को असल मे रंगमंच कहते क्यों हैं? अगर इस शब्द रंगमंच को अलग अलग किया जाए तो दो शब्द निकल कर सामने आतें हैं पहला..- रंग 

वहीं दूसरा शब्द ....-मंच संसार मे जितने इंसान हैं उससे कहीं ज्यादा रंग हैं... हाँ ये अलग बात है कि हमें पहचान कुछ ही रंगों की है...! और जब तक दूसरे या अलग रंग की पहचान कर पाते उससे कहीं पहले वह रंग अपने अदाकारी से सभी रंगों से घुल-मिल जाता है और ये सब एक ही जगह तो होता है....!

मंच पर.....!

और वहीं दूसरी ओर तालियों की गड़गड़ाहट तय करती है उसके रंग के पक्का या गहरा होने की संभावना को...और यही कारण है कि मंच पर रंग मिलावटी होने की उतनी ही संभावना है जितनी कि तालियों की अहमियत....!

कभी कभी कई रंगों में इतनी समानता या यूं कहूँ कि इतनी कम मात्रा में अंतर होता है कि उन्हें पहचान पाना शायद मानव समाज के बस में न हो..!

और कुछ रंग आपस में इतने भिन्न होते हैं कि उनका रिश्ता एक ग्लास में रखे पानी और उस पर तैरती तेल की परत जैसा प्रतीत होता है, लेकिन फिर भी नए रंगों को अस्तित्व में लाने के लिए ये प्रयोग निरंतर चलते रहते हैं कुछ सफ़ल हो जातें हैं और तालियों की गड़गड़ाहट से सम्मानित व उदाहरण के लिए नामांकित हो जातें हैं वहीं दूसरी ओर कुछ असफल भी हो जातें हैं उनके हिस्से में मंच की नाराज़गी का चेहरा देखना पड़ता है।

ज़िन्दगी शायद इसीलिए एक रंगमंच है जहाँ सब अपनी अदाकारी से नए रंगों को जन्म देकर तालियों की गड़गड़ाहट को अपनी झोलियों में भरना चाह रहें हैं ये भूल कर कि ज़िन्दगी के इस रंगमंच पर तालियाँ भी हम में से ही एक अदाकार के हाँथो से होकर गुज़र रही है और संभावित भी है कि उसके हाँथो को उसके रंग से जलन व खुजली भी हो रही है ।


जय हो !

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Jahaji sandesh

jahajisandesh

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Charu Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    खूब कहा 👍

  • Jahaji sandesh · 3 years ago last edited 3 years ago

    आभार आपका चारु जी❤️

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