यदि मैं डॉक्टर होती

यदि मैं डॉक्टर होती मानवता का फ़र्ज़ निभा पाती , पीड़ित को गले लगा पाती । स्नेह से बांटती सबका दुख-दर्द , ह्रदय से हर फ़र्ज़ निभा पाती।

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Ektakocharrelan
Ektakocharrelan 04 Jul, 2020 | 1 min read

यदि मैं डॉक्टर होती


मानवता का फ़र्ज़ निभा पाती ,

पीड़ित को गले लगा पाती ।

स्नेह से बांटती सबका दुख-दर्द ,

 ह्रदय से हर फ़र्ज़ निभा पाती।

           यदि मैं डॉक्टर होती।।


हुनर जो हकीम का ला पाती,

हां! बुझती सांसो को बचा पाती।

अंखियों में जला उम्मीद का चिराग,

देश हित में कुछ पग बड़ा पाती।

            यदि मैं डॉक्टर होती।।


घने बादलों को चीर जाती ,

असहाय का सहारा बन जाती।

 रखकर साथ दृढ़ निश्चय का ,

रोम-रोम से रोशनी पल्लवित कर पाती।

           यदि मैं डॉक्टर होती।।


देवदूत का फ़र्ज़ निभा पाती,

 विष को अमृत बना पाती।

 किंचित भी ना करती विश्राम,

आरोग्यम का बीज उगा पाती।

          यदि मैं डॉक्टर होती।।


एकता कोचर रेलन

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