"वो ज़माना "

वो भी एक ज़माना था।

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Charu Chauhan
Charu Chauhan 13 Dec, 2020 | 1 min read
old time grandparents picnic happy time

उफ्फ, फोन की बैटरी फ़िर डिस्चार्ज हो गई। चलो, चार्ज कर लेती हूँ, जब तक टीवी देख लूँगी। टीवी ऑन करने हॉल में पहुंची तो नजर दादी पर पड़ी। पुरानी सी एल्बम में कुछ अलट पलट कर रहीं थीं। जिज्ञासावश झाँक कर देखा, दादी की नजर एक फोटो पर अटकी थी। पूछने पर बोली - बेटा यह हमारा ज़माना था। मोबाइल फोन की काल्पनिक दुनिया से दूर। यह फोटो जरूर ब्लैक एंड व्हाइट है लेकिन वह समय बहुत रंगीन था। परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए किसी मॉल या रेस्टोरेंट जाने की जरूरत नहीं होती थी। बगीचे में चादर बिछा कर ही सब साथ बैठ जाते थें। साथ खाते थे, पीते थे और एक दूसरे का सुख दुःख बांटते थे। 



स्वरचित

©चारु चौहान

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Charu Chauhan

Poetry_by_charu

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