what is the difference in 'then' and how do they use them?

Published By Paperwiff

Fri, Oct 8, 2021 3:40 PM

शीर्षक: 'और', 'एवं', 'व' और 'तथा' में क्या अंतर है और इनका प्रयोग कैसे करें? 

नमस्कार, 

कथानक लेखन का शरीर होता है वहीं 'शब्द' आत्मा होते हैं चाहे वह किसी भी भाषा या बोली में किया जा रहा हो। इसलिए शब्दों को सही प्रकार से पिरोना बहुत आवश्यक होता है। उचित शब्दों के प्रयोग से लेखन कार्य मात्र कार्य नहीं रह जाता बल्कि मनन करने जैसा हो जाता है। अगर शब्दों का प्रयोग भावानुसार उचित हो तो उसे महसूस कर पाना आसान होता है विशेषकर कहानी और कविताओं में।

कुछ शब्द अर्थ के अनुसार समान होते हैं परंतु भाषा की दृष्टि से भिन्न होते हैं अर्थात्‌ प्रयोग की दृष्टि से अलग-अलग होते हैं। उसी श्रेणी में 'और', 'एवं', 'व' और 'तथा' आते हैं। ये चारों शब्द अर्थानुसार समान हैं लेकिन भाषाई रूप से भिन्न हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में कुछ तथ्य-

1. 'और' - 'और' शब्द ना तो शुद्ध रूप से हिंदी है और ना ही मूल रूप से संस्कृत भाषा से है। 'और' कई प्रकार से प्रयुक्त होता है अर्थात्‌ शब्द एक परतुं इसके अर्थ एक से अधिक हैं।

  • * दो शब्दों तथा दो वाक्यों को जोड़ने के लिए 'और' प्रयुक्त किया जाता है। अतः 'और' एक योजक शब्द है। जैसे: सेब और केला।बबीता ने अतिथि का सत्कार किया और जलपान लेने के लिए रसोईघर में चली गयी। 
  • * "अधिक के लिए" अर्थात्‌ किसी चीज की अधिक मात्रा के लिए भी 'और' का प्रयोग किया जाता है। जैसे: मुझे और फल दो। वह कह रही थी कि उसे प्रॉपर्टी में और हिस्सा चाहिए। 
  • * 'और' का प्रयोग अधिक के जैसे ही 'दूसरे के लिए' भी होता है। उदाहरण से समझिए। जैसे: मुझे हरा रंग पसंद नहीं है कुछ और दिखाओ। क्या तुम कुछ और लेना चाहोगे? 

2. 'एवं' - 'एवं' एक तत्सम शब्द हैं अर्थात्‌ संस्कृत भाषा से इसका सीधा आगमन हिंदी भाषा में हुआ है। 'एवं' का प्रयोग निम्न प्रकार से होता है- 

  • * "इसी प्रकार से", "ऐसे ही या ऐसा ही" के लिए 'एवं' प्रयुक्त किया जाता है। उदाहरण: तुम स्वस्थ एवं बलवान हो।

 3. 'व' - 'व' एक देशज शब्द है। कहा जाता है कि यह मूलतः अरबी भाषा का शब्द है। 'व' का प्रयोग 'और' के प्रकार से ही होता है परतुं विकल्प दर्शाने के रूप में होता है।जैसे: सही  गलत। ऊँचा  नीचा।

 4. 'तथा' - 'तथा' एक तत्सम शब्द है। 

  • * इसका प्रयोग भी 'और' और 'व' की भाँति एक अव्यय योजक के प्रकार से किया जाता है अर्थात्‌ दो चीजों, बातों आदि में योग स्थापित करने के लिए किया जाता है। परंतु केवल जीवनहीन वस्तुओं के लिए 'तथा' का प्रयोग होता है।जैसे: कलम तथा पुस्तक लेकर आओ।
  • * "वैसा ही" को दर्शाने के लिए भी 'व' प्रयुक्त होता है।जैसे: यथा नाम तथा गुण।

इस लेख को अब यहीं विराम देती हूँ। आपने पढ़ा कि कैसे शब्द अर्थ के अनुसार समान होते हैं परंतु भाषा के तौर पर भिन्न होते हैं। आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और उपर्युक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। प्रत्येक जानकारी और बिंदु को इस लेख में समेटने की पूरी कोशिश की गई है यदि कोई बिंदु छूट गया हो तो आप हमें अवगत करा सकते हैं। सभी के विचारों का स्वागत है। लिखते रहिए, पढ़ते रहिए और आगे बढ़ते रहिए।-

चारु चौहान