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Published By Paperwiff

Tue, Jul 20, 2021 7:47 PM

शीर्षक:- 'अल्पविराम' चिन्ह का प्रयोग कहाँ करें?

जब आप सफ़र में हो और लगातार चलते जाएँ तो क्या सफ़र में आनंद आएगा? नहीं, सफ़र बोझिल हो जाएगा। परंतु बीच-बीच में उचित स्थानों पर विश्राम करना, सफ़र को आसान और यादगार बना देता है।ठीक उसी प्रकार का सफ़र होता है एक लेखक के लेखन का। लेखन को प्रभावी बनाने के लिए उचित स्थानों पर विराम चिन्हों का प्रयोग किया जाता है। यह विराम चिन्ह न केवल लेखन को ठहराव देते हैं, अपितु उसे प्रभावी बनाकर पाठक को भी आनंद अनुभूति कराते हैं। तो क्यों ना आज हम हिंदी व्याकरण के विराम चिन्हों के भेदों में महत्वपूर्ण और सबसे अधिक प्रयोग होने वाले विराम चिन्ह की बात करें, जी हाँ, 'अल्पविराम' (Comma) की बात। 

अल्पविराम का प्रयोग किसी भी रचना के वाक्य के बीच में ठहराव के लिए किया जाता है। यह तब प्रयोग होता है जब वाक्य में अर्द्ध-विराम से अधिक लेकिन पूर्ण विराम से कम विराम लेना हो। अल्पविराम देखने में बहुत छोटा और मामूली लगता है परंतु इस छोटे से चिन्ह में वाक्यों के अर्थ को पूर्ण परिवर्तित करने की ताकत होती है। जहाँ एक तरफ रचना को प्रभावशाली बना सकता है वहीं दूसरी ओर अर्थ का अनर्थ भी कर सकता है। इसलिए आज चर्चा करते हैं अल्पविराम (Comma) के प्रयोग के बारे में। अल्पविराम का प्रयोग निम्नलिखित दशाओं में किया जाता है:-

1. शब्द-समूह व वाक्यांशों को अलग करने के लिए अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है। जब वाक्य में दो से अधिक समान शब्दों, शब्दांशो और वाक्यों में 'और' (संयोजक अव्यय) की संभावना हो तो उस स्थान पर अल्पविराम का प्रयोग करते हैं। अर्थात्‌ किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते समय जब दो से अधिक विशेषणों का उल्लेख हो तब अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है।जैसे:-शब्दों में- राम को खेलना, नाचना, गाना और खाना बनाना पसंद है।वाक्यों में - राम स्कूल जाता है, पढ़ाई करता है, खाना खाता है और घर वापिस आ जाता है।

2. कुछ संयोजक अव्यय (जैसे - किंतु, परंतु, अतः, क्यों, इस से, इसलिए, पर, तथापि) जब वाक्यों के बीच में आते हैं तब उनसे पहले अल्पविराम (Comma) का प्रयोग किया जाता है। जैसे:- संदीप लेखन में अच्छा है, इसलिए सब उसकी प्रशंसा करते हैं। 

3. जब शब्दों की पुनरावृत्ति होती है और उनके भाव पर विशेष बल दिया जाता है, वहाँ भी अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है। यह अधिकांश वाक्यों के प्रारम्भ में देखने के लिए मिलता है। जैसे:- जा, जा, मैं तुझे देख लूँगा। नहीं, मुझे वहाँ नहीं जाना है। 

4. जिन वाक्यों में यह, वह, अब, या, तो आदि शब्द शांत या लुप्त रखने होते हैं वहाँ अल्पविराम का प्रयोग किया जाता है। जैसे:- जब तुमने मन बना ही लिया है, कहने से क्या फ़ायदा? ('अब' लुप्त है) 

5. किसी व्यक्ति विशेष को संबोधित करते समय भी अल्पविराम का प्रयोग किया जा सकता है। अल्पविराम का प्रयोग करने से ना सिर्फ़ वह प्रभावी लगता है बल्कि सम्मानजनक भी लगता है। जैसे:- प्रधानाचार्या महोदया, हम आपका ध्यान विद्यालय के गंदे शौचालय की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। 

6. अतः, अच्छा, हाँ, नहीं, सचमुच, बस आदि शब्दों से यदि वाक्य प्रारम्भ होता है तब इन शब्दों के बाद अल्पविराम का प्रयोग आवश्यक होता है।जैसे :- अच्छा, तो यह बात है। बस, इसके आगे एक शब्द भी मत बोलना। 

7. किसी व्यक्ति के कथन (Specific dialogue) के पहले अल्पविराम लगाया जाता है और यह वाक्य को अत्याधिक प्रभावी बना देता है। जैसे:- बबीता ने कहा, "मैं हर हाल में तुम्हारा साथ दूँगी।" 

नोट- अल्पविराम का प्रयोग करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि चिन्ह से पहले स्पेस ना दें परतुं चिन्ह के बाद स्पेस अवश्य दें। जैसे :- नहीं ,मुझे वहाँ नहीं जाना है। ✖️ नहीं, मुझे वहाँ नहीं जाना है। ✔️

आज के लिए मैं अपनी लेखनी को यहीं विराम दूँगी। आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा, इस लेख से आपका ज्ञानवर्धन हुआ होगा। 'अल्पविराम' से संबंधित महत्त्वपूर्ण बिंदुओं को समेटने की कोशिश मैंने की है यदि कोई बिंदु रह गया है, तो आप हमें अवगत करा सकते हैं, सभी के विचारों का स्वागत है। उम्मीद है कि लेखन का सफ़र अब बोझिल नहीं सुहाना बनेगा और रोचकता से पूर्ण रहेगा। लिखते रहिए, पढ़ते रहिए और आगे बढ़ते रहिए।

धन्यवाद!

चारु चौहान