अपनी बुक कब पबलिश करवाएं?

Published By Paperwiff

Tue, May 31, 2022 1:46 AM

इस आलेख का शीर्षक पढ़ते ही आपको ज्ञात हो गया होगा कि इस आलेख में आपको किस प्रश्न का उत्तर मिलने वाला है। जी हाँ, हर लेखक का एक सपना होता है कि उसकी ख़ुद की लिखी एक बुक पब्लिश हो जो पाठकों के मन मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ने में सफलता अर्जित करे। पर इस सपने को साकार करने में हमें जल्दबाजी कतई नहीं करनी चाहिए। 

 हमें अपनी बुक प्रकाशित करवाने से पहले इन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए --

●आप क्या लिख क्या रहे हैं यह आवश्य ध्यान में रखना है- जी हाँ, वर्तमान समय में सभी पाठकवर्ग पढ़ना क्या चाह रहे हैं? किस विधा की पुस्तक उन्हें अत्यधिक पसंद है इस बात का पूर्ण अवलोकन करें। तत्पश्चात उस विधा में परिपक्वता हासिल करें, निरंतर उस विधा की बारीकियों को सीखें। तब उस विधा में अपनी बुक सबके समक्ष लाने के लिए उत्कृष्ट रचनाओं का सृजन करें। आपकी पुस्तक ऐसी हो जब अब तक प्रकाशित पुस्तक से अलग हो, क्योंकि पाठक एक जैसा कंटेंट नहीं पढ़ना चाहते हैं। आप जिस भी विधा में पुस्तक लिखें कुछ ऐसा लिखें जो पाठक के मन को मोह ले। यह तभी संभव है जब आप उस विधा में लिखेंगे जिस विधा की पुस्तक के पढ़ने की माँग वर्तमान में सर्वाधिक है।

●पुस्तक अनुपम हो इसलिए पूरजोर मेहनत करें- आपकी पुस्तक भिन्न हो,संदेशप्रद हो। इसलिए आपको अथक मेहनत करने की ज़रूरत पड़ेगी। जिस दिन से आप यह लक्ष्य निर्धारित कर लें कि मुझे अपनी बुक प्रकाशित करवानी है उस दिन से ही यह भी लक्ष्य निर्धारित करें कि मैं जो पुस्तक प्रकाशित करवाऊंगा वह सार्थक संदेश से ओतप्रोत होगी, जिसे पढ़कर समाज कुछ सीख हासिल करें, कुछ बेहतर करने के लिए समाज संकल्प ले। इसलिए तमाम वो जानकारियां आपको अपनी बुक में शामिल करनी होगी जो सार्थक हो और पाठक के हितार्थ सही हो।

●पुस्तक का आवारण, पुस्तक का मूल्य भी करता है मैटर- "Don't judge a book by it's cover" यह कथन सत्य है परंतु बुक का आवरण पृष्ठ भी पाठकों के मन को पुस्तक की ओर खींचने में मददगार होता है। आपकी बुक का आवारण पृष्ठ पुस्तक के शीर्षक के माकूल उत्कृष्ट हो यह भी अति आवश्यक है। पाठक पुस्तक के शीर्षक से भी खासा प्रभावित होते हैं और आवरण पृष्ठ से भी। सो पुस्तक का आवारण पृष्ठ उत्कृष्ट सृजित करवाएं, और पुस्तक का शीर्षक सटीक और सार्थक हो यह भी ध्यान रखें। और हाँ, पुस्तक का मूल्य इतना हो कि हर पाठकवर्ग उस पुस्तक को क्रय कर पढ़ सके। कई बार कुछ लेखक अपनी पुस्तक की मूल्य सर्वाधिक निर्धारित कर लेते हैं जिनसे उनकी पुस्तक अधिक लोगों तक नहीं पहुंच पाती है। बेशक आप पुस्तक को हार्ड बांडिंग में न छपवाकर पेपरबैक ही छपवाएं कोई बात नहीं है। पेपरबैक में पुस्तक छपवाने से लागत कम लगेगी व आपकी बुक सबके पास पहुंच पाएगी। तब आपके पाठक भी बढ़ेंगे और पुस्तक सबके दिल में अपनी विशेष जगह बनाने में सफल हो जाएगी।

●पुस्तक पब्लिश हो जाने के बाद पुस्तक की बिक्री होगी या नहीं- यह बेहद गंभीर प्रश्न है। आज अनावश्यक खर्च करने में लोग पीछे नहीं हटते हैं पर बात जब कुछ अच्छी पुस्तक खरीदकर पढ़ने की हो तो लोग झिझकने लगते हैं। ऐसे में लेखक को निराशा हासिल होनी स्वभाविक है। इसलिए पुस्तक सबके समक्ष प्रस्तुत करने से पहले आप अपने सार्थक पाठक की संख्या में इजाफा करें। आप अपने सोशल मीडिया हैंडल पर निरंतर सार्थक रचनाओं को लिखें, देखें कि आपकी रचनाओं को पाठक कितना पसंद करते हैं। जब पसंद करने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जाए तब आप पुस्तक प्रकाशित करने का विचार मन में पनपने दें। जब आपकी रचनाओं को लोग ज्यादा पसंद करेंगे तो निश्चित ही जब आपकी अपनी ख़ुद की लिखी पुस्तक पब्लिश होगी तो वह पुस्तक भी सर्वाधिक पसंद की जाएगी।

 उम्मीद है आपको यह आलेख पसंद आया होगा। तो ध्यान रहे एक बात-- "पुस्तक प्रकाशित करवाने में हड़बड़ी नहीं बल्कि पूरी सूझबूझ से निर्णय लेने की ज़रूरत है।"

 धन्यवाद!

© कुमार संदीप (Hindi literature Captain-Paperwiff)