How to portray the character of your story?

Published By Paperwiff

Sat, Aug 21, 2021 5:50 PM

शीर्षक: कहानी में पात्र का चरित्र चित्रण कैसे करे? 

इसमे कोई दो राय नहीं है कि यादगार पात्र /चरित्र भी कहानी को अमर कर देते हैं। कहानी के प्रमुख तत्वों की बात करें तो पात्रों का 'चरित्र चित्रण' अहम भूमिका अदा करता है। बात किसी भी कहानी की कर लीजिए जैसे अंग्रेजी कहानी हेमलेट या हैरी पॉटर, हिन्दी साहित्य से प्रसिद्ध कहानियाँ (ईदगाह, पंच परमेश्वर, दो बैलों की कथा आदि) या शोले जैसे फ़िल्मों की कहानियाँ, अगर चर्चा चल रही हो तो यह केवल घटनाओं की एक दिलचस्प श्रृंखला के बारे में नही होतीं हैं; वे दरअसल अक्सर उनके पात्रों के बारे में होती हैं। यक़ीनन कहानी में कथानक की महारत आपको उस कहानी में रोमांचक मोड़ विकसित करने में मदद कर सकती है परन्तु एक आकर्षक एवँ मनोरंजक पात्र के चरित्र का निर्माण, पाठकों को आकर्षित करता है जिनके साथ वे हमेशा के लिए उस कहानी से जुड़ सकते हैं। हालांकि हर लेखक का अपना एक विशेष तरीका और अपने पात्र से जुड़ाव होता है जहाँ वो उसे एक खास तरीके से विकसित करता है, फिर भी विशेषज्ञों से जानने के बाद आपके सामने प्रस्तुत है कुछ खास टिप्स जो आपको और रोचक पात्र विकास, चरित्र - चित्रण करने में सहायक हो सकता है। 

कथा/कहानी/उपन्यास लेखन में, चरित्र निर्माण एवं विकास (कैरेक्टर बिल्डिंग एंड डेवलपमेंट) एक अहम प्रक्रिया है। आइए जानते हैं क्यों? 

— उपयुक्त चरित्र चित्रण क्यों महत्वपूर्ण है?

कथा/कहानी में जहाँ उपयुक्त पात्रों के माध्यम से ही एक ओर कथानक का रोचक आरम्भ, विकास और अन्त होता है, तो वहीं दूसरी ओर हम कहानी में इनके द्वारा ही पाठक की आत्मीयता और जुड़ाव प्राप्त करते हैं।

चरित्र और कथानक अविभाज्य हैं, क्योंकि पाठक की नजर में भी वह पात्र ही होता है जिसके इर्द गिर्द कथानक बुना जा रहा होता है। आपकी कहानी का पात्र व्यक्तिगत तौर पर कौन है? जैसे वो किन बातों से खुश होतें है और वे किस चीज से डरते हैं, इसकी स्पष्ट समझ के बिना, पाठक आपकी घटनाओं के महत्व और मर्म को जानने असमर्थ होगा, और आपकी कहानी का उसपर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। उदाहरण स्वरुप आपके पात्र को अंधेरे से डर लगता है, तो रात के दृश्य की परिकल्पना पाठक पहले से करेगा और आगे होने वाली घटना के लिए उसकी उत्सुकता बनी रहती है। 

 वास्तविक लोगों की तरह, काल्पनिक पात्रों के भी शौक, पालतू जानवरों से लगाव, उनका एक इतिहास, उनके बारे में अफवाहें और दिल में छुपे जुनून होते हैं। यहाँ ये विशेषताएँ बताती हैं कि कहानी में आगे चरित्र अपने साथ होने वाली घटनाओं के बारे में कैसे प्रतिक्रिया देता है और क्या महसूस करता है। इस प्रकार आपके पात्र कथानक में भली भांति घुल मिल जाएंगे। 


— चरित्र चित्रण कहानी को कैसे प्रभावित करता है?

 आपकी कहानी का संदेश या लक्ष्य आपके लिए समान्य हो सकता है परंतु आपके मुख्य नायक-नायिका/पात्र के लिए वो उसका मुख्य लक्ष्य है। जैसे जरूरी नहीं आपकी कहानी का नायक दुनिया बचा रहा है, हो सकता है उसके लिए अपने परिवार को एक छोटी सी समस्या से बचाना बड़ा लक्ष्य बन रहा हो। लेखक का काम पात्र के चरित्र को इस प्रकार स्थापित करना है कि उसके मुख्य उद्देश्य से कल्पना के धरातल पर पाठक खुद को आसानी से जोड़ सके। 

— विभिन्न प्रकार के पात्रों का विकास कैसे करें? 

कहानियों में विभिन्न प्रकार के पात्र होते हैं।  पात्रों की भूमिका के आधार पर उन्हें तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है – मुख्य, सहायक एवं खलनायक । इस तरह के वर्गीकरण के आधार पर कहानी के नायक तथा उसके सहयोगी या विरोधी पात्रों का चरित्र चित्रण किया जाता है।हर कहानी का एक मुख्य पात्र होता है, जिसे नायक या नायिका कहा जाता है। अधिकतर कहानियों में एक बुरा पात्र भी होता है, खलनायक या विरोधी। इनके अलावा होते है माध्यमिक पात्र। ये पात्र मुख्य पात्रों की मदद कर सकते हैं, उनका विरोध कर सकते हैं, या पूरी तरह से तटस्थ हो सकते हैं, जो भी हो परन्तु वे पाठक को नायक या विरोधी को गहराई से समझने में मदद करते हैं।

— एक नायक चरित्र का विकास कैसे करें?   कोई भी परफेक्ट यानि दोषमुक्त नहीं होता। तो अपने नायक /नायिका को कुछ दोष युक्त भी रखे, उन्हें आदर्शों का नमूना नहीं होना चाहिए। वर्ना कहानी उबाऊ हो जाएगी। यदि उन्हें दोष मुक्त करना भी है तो वो संघर्ष दिखाइए, जिनसे गुजर कर वो एक आदर्श बनते है, ठीक वैसे ही जैसे ही वास्तविक जीवन में होता है। 

— एक मजबूत विरोधी पात्र कैसे विकसित करे? 

विरोधी पात्र को भी नैतिकता दें क्योंकि हो सकता है वो पूर्णतः गलत ना हो बस उसकी मंशा आपके नायक के लिए संकट पैदा करेगी। अगर विकृत खलनायक का निर्माण कर रहे हैं तो खलनायक की विकृति का भी कारण दे ताकि पाठक समझ सके कि अपराध करने के लिए उसके क्या कारण है। आप उसका भी एक इतिहास और घटनाक्रम रच सकते है। प्रतिपक्षी पात्र को मुख्य पात्र से शक्तिशाली बना सकते हैं। पाठक आपके मुख्य पात्र को संघर्षों के बाद सफल होते देखना चाहते हैं। 

— माध्यमिक पात्र या सहायक पात्र कैसे विकसित करे? 

अधिकतर फ़िल्मों में कई बार हम नायक से ज्यादा सहायक पात्र से प्रेरित होते हैं, जो उसका दोस्त, माँ, भाई, बहन, कोच या कोई भी होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि यदि ये ना होते तो मुख्य पात्र का सफल होना संभव नहीं था। ऐसे ही पूरक पात्रों की रचना करें। उन्हें हास्य गुण दिया जा सकता है जो कहानी के माहौल में हल्कापन बनाए रखे या उन्हें विरोधी बना सकते हैं जिनकी गलतियों के कारण मुख्य पात्र का सामना विरोधी परिस्थितियों से होता है। 

  कुल मिलाकर पात्रों की रचना करते समय ध्यान रखे कि उन्हें आम लोगों जैसा बनाए, बशर्ते आपके मुख्य पात्र कोई भी सजीव जीव हो, उनमे दिलचस्पी लिए कुछ अपूर्णता होनी चाहिए ताकि पाठक जुड़ सके। हर लेखक का पात्र रचने का तरीका भिन्न होता है, कुछ खास शारीरिक रचना से पात्र को यादगार बनाते है, कुछ उनके संवाद के तरीके से, कुछ पहनाव ओढ़ाव आदि तो कुछ किसी विशेष कार्य क्षेत्र से दिखाकर। जो भी हो ऐसा रचे कि मुख्य पात्र पाठक के जेहन में अंत तक बस जाए। जिन पात्रों की आवृति कहानी में एक दो बार से अधिक हो उसकी भी विस्तृत रचना कर सकते हैं ताकि वो भी पाठक को याद रहें। जैसे गब्बर का नाम लेते ही आपके आँखों के सामने काले कपड़ों में बन्दूक लिए अमजद खान का चित्र आ जाता है, या चाँदनी बोलते ही शिफाॅन की साड़ी में लिपटी श्रीदेवी! तो बस! ऐसे ही यादगार पात्रों की रचना की जा सकती है। हाँ साथ ही ये सुनिश्चित करते चलें कि वे किसी तरह से यादगार रहने वाले हैं। पाठकों की अपेक्षा से हटकर पात्रों की रचना करें, यक़ीनन आपकी कहानी भी यादगार बन जाएगी। 



-सुषमा तिवारी   पेपरविफ