लेखन बेहतर कैसे बनाएँ ?

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Published By Paperwiff

Sun, Feb 21, 2021 2:29 PM

शीर्षक : लेखन बेहतर कैसे बनाएँ? 

दोस्तों, सिर्फ लिखना बड़ी बात नहीं। परतुं अच्छे से बेहतर और बेहतर से बेहतरीन लिखना मायने रखता है। लेखन जितना सशक्त होगा पाठक को उतना ही आकर्षित करेगा। आपकी रचना को अच्छे से बेहतर बनाने के सफ़र में पेपरविफ्फ हर कदम पर आपका साथ देने के लिए उपलब्ध है। इसी श्रृंखला में लेखन संबन्धी कुछ टिप्स हम आपको देने जा रहे हैं। आशा है नवोदित लेखकों के लिए ये संकेत बिंदु बहुत कारगर साबित होंगे।

  1.  सर्वप्रथम, लिखने से पूर्व शुरुआत से अंत की एक रूपरेखा अपने दिमाग में बना लें। कहानी लिख रहें है तो उसके किरदारों को स्पष्ट कर लें। यदि किसी विशिष्ट व्यक्ति, स्थान, वस्तु या विषय पर लेख लिख रहें हैं तब उसके बारे में आवश्यक व सही जानकारी एकत्र करें।
  2.   लिखते समय शब्दों के संयोजन पर ध्यान दें। उत्कृष्ट लेखन के लिए शब्दों का ज्ञान व प्रयोग दोनों आवश्यक हैं। समय-समय पर नए शब्द सीखते रहें। एक ही शब्द व वाक्य की पुनरावृति से बचें। 
  3. पाठक को प्रवाह के साथ पढ़ने में आनंद आता है। अतः लेख व कहानी प्रवाहशील हों। जिससे पढ़ते समय उससे जुड़ाव महसूस हो सके। पढ़ते वक़्त कहानी चलचित्र के समान आँखों के सामने महसूस होनी चाहिए। यह जाँचने के लिए लिखने के बाद स्वयं उसे अवश्य पढ़ें। 
  4.  कविता लिखते समय शब्दों में गहराई लाएं। उसके लिए अपनी कल्पनाओं को उन्मुक्त गगन में उड़ने दें। शब्दों को भाव के साथ प्रकट करें। जिससे पाठक सुख, दुःख, विछोह, हौंसला आदि की अनुभूति कर सके।  
  5. महत्वपूर्ण पंक्तियों व शब्दों को हाईलाइट करने के लिए 'बोल्ड फॉन्ट' या अवतरण चिह्नों (Inverted commas) जैसे अन्य उपयुक्त चिन्हों का प्रयोग कर सकते हैं।  
  6. कहानी के बीच में कहीं कहीं पर साधारण शब्दों के स्थान पर उचित मुहावरों व लोकोत्तियों का प्रयोग किया जाए तो रचना अधिक रोचक हो जाती है।  
  7. पैराग्राफ को ना तो अधिक लंबा करें ना ही बहुत छोटा। पूरी कहानी की शब्द सीमा भी इतनी हो कि सार्थकता सिद्ध कर सके। अगर कहानी लिख रहे हैं तो कोशिश करें कि वह बहुत जल्दी खत्म ना हो जाए। किरदारों में जान डालने की कोशिश करें जिससे पाठक उन्हें जी पाए। लेख की अपनी एक सीमा होती है। साथ ही लघुकथा कम शब्दों में कही गई बड़ी बात है। 
  8. वर्तनी व व्याकरण का विशेष ध्यान रखें। त्रुटियुक्त लेखन पढ़ने व दिखने दोनों में ही अच्छा नहीं लगता। इससे पढ़ते समय प्रवाह में भी अवरोध उत्पन्न होता है। जबकि त्रुटिहीन लेखन पाठकों को पूरा पढ़ने के लिए आकर्षित करता है। इसलिए जल्दबाजी ना करें व लिखते समय सचेत रहें। 
  9.  यदि लेख लिख रहें है तो उससे संबंधित चित्र भी बीच में डाल सकते हैं। परंतु अत्यधिक चित्रों का प्रयोग नहीं न करें।  
  10. अंत में आता है निष्कर्ष, ध्यान दें अंत सदैव संतुष्टि भरा हो। आवश्यक नहीं सुखद अंत ही हो परंतु न्यायपूर्ण हो। लेख लिखते समय भी सिर्फ सवालों पर अंत न करें। लेखन में सामाजिक जिम्मेदारियाँ भी होती है अतः अपने विचारों के अनुरूप हल का भी उल्लेख करें।

उम्मीद करते हैं उपयुक्त बिंदु प्रभावशाली लेखन में सहायता अवश्य करेंगे। इससे इतर आवश्यक है हमेशा सीखते रहना तथा निरंतरता बनाए रखना। अन्य लेखकों को पढ़ना भी लेखन में सुधार लाता है। खामियों को सुनकर उन विचार करें। गलतियों से बचने के लिए अपने पोस्ट को एक से अधिक बार पढ़ें। पोस्ट को बेवजह लंबा लिखने के स्थान पर महत्वपूर्ण और उपयोगी लिखने का प्रयास करें।

शुभकामनाएँ !

Charu Chauhan