लिखने के संग सीखना भी है हितकारी

Published By Paperwiff

Wed, Mar 10, 2021 9:02 AM

पेपरविफ्फ टीम का लक्ष्य ना सिर्फ राइटर्स को लेखन जगत में एक उत्कृष्ट पहचान दिलवाना है साथ ही उनकी रचनाओं को किस तरह सुंदर रुप प्रदान करना है, इस दिशा में मार्गदर्शन करना भी है। हमारा प्रयास रहता है कि हम न केवल आपको लिखने का अवसर देकर आपके हुनर को निखारें, बल्कि आप किस तरह और बेहतरीन लिखें इस विषय से भी आपको रुबरु करवाएं। इसी कड़ी में हम आपके लिए आज लेकर आएं हैं एक ऐसा आर्टिकल जिसके अन्तर्गत आप जान पाएंगे कि किस तरह वेबसाइट पर लिखते हुए लेखन की विविध विधाओं में भी आप पारंगत हो सकते हैं।लिखना और सीखना दो अलग-अलग शब्द हैं, जिनका अर्थ भी भिन्न-भिन्न है। राइटर्स के जीवन में इन दो शब्दों का विशेष महत्व है। हम बेहतर तभी लिख सकते हैं जब किसी-न-किसी विधा में हमारी पकड़ अवश्य हो। ऐसा तभी संभव है जब हम लेखन की बारीकियों को सीखें। जब हम बात लेखन की बारीकियों का करते है तो जो पहली चीज़ इस दिशा में सहायक है वो है 'अच्छा और स्तरीय पढ़ना' । 'पढ़ना' रीचार्ज के समान है। विचारों को नया आयाम तो मिलता ही है साथ ही आपका शब्दकोश भी समृद्ध होता है। अब 'अच्छा' पढ़ने के लिए आपके पास कईं विकल्प हैं उन्हीं में से कुछ महत्त्वपूर्ण विकल्पों पर हम प्रकाश डाल रहे हैं :-

  1. पेपरविफ्फ की वेबसाइट पर रचनाओं को पढ़कर:- पेपरविफ्फ की वेबसाइट पर विभिन्न भाषाओं में कई विधाओं में स्तरीय रचनाओं को लिखने वाले रचनाकारों की कमी नहीं है। नियमित रुप से यदि उन रचनाकारों की रचनाओं को एकाग्रतापूर्वक पढ़ें, तो सचमुच हम लेखन की बारीकियों को बेहतर तरीके से सीखकर और बेहतर लिख सकते हैं। कई सुप्रसिद्ध रचनाकार जिन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से लेखन जगत में विशेष पहचान बनाई है जब आप उनसे उनकी सफलता का रहस्य आप पूछेंगे तब वे बताते हैं कि "अच्छा लिखने के लिए अति आवश्यक है कि हम अच्छी रचनाओं को नियमित रुप से एकाग्रतापूर्वक पढ़ें।" आप समस्त रचनाकारों से भी अनुरोध है कि आप भी नियमित रूप से दिन में कम-से-कम आधे घंटे ही सही पेपरविफ्फ की वेबसाइट पर विजिट कर पढ़ने का प्रयास ज़रूर पढ़ें। 
  2. ख्यातिप्राप्त अख़बारों का नियमित रूप से पाठन:- ख्यातिप्राप्त अख़बारों के कंटेंट में त्रुटियाँ नाममात्र की ही होती हैं। चाहे हम जिस भी भाषा में लिखते हों उस भाषा के अख़बार को नियमित रुप से पढ़ेंगे तो निश्चित ही हमें कुछ बेहतर सीखने को प्राप्त होगा। जिससे हम अपनी रचनाओं में त्रुटियों को कम कर पाने में सफलता अर्जित कर सकते हैं। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि केवल अख़बार में ख़बरों की हेडिंग देखकर ही पन्ना मत पलट दीजिए। बल्कि एकाग्रतापूर्वक कंटेंट को अंत तक पढ़िये । ऐसा करने से जिस भाषा में आप लिख रहे हैं उस भाषा में आपकी पकड़ मजबूत होगी।
  3. वरिष्ठ लेखकों के सुझाव से लेखन में सुधार:- लेखन के शुरुआती दिनों में लिखने के क्रम में ग़लतियाँ होना लाज़मी है। आपने सुना ही होगा 'करत करत अभ्यास, जड़मति होत सुजान' इस दशा में जब आपको आपकी ग़लतियों की ओर कोई वरिष्ठ लेखक यदि ध्यान आकृष्ट करवाएं तो उनके द्वारा दिए गए सुझावों से अपनी ग़लतियों को दूर करें। आलोचनाओं से हतोत्साहित होकर लिखना-पढ़ना बंद मत करें। अपितु आलोचनाओं का स्वागत दोनों हाथ जोड़ कर करें। ग़लतियों से सबक नहीं लेंगे तो हम निरंतर ही ग़लतियाँ करते रहेंगे। इसलिए जब भी वरिष्ठ लेखक आपको समझाएं उनकी बातों को एकाग्रतापूर्वक समझें। उनके सुझावों को आत्मसात कर लेखन में सुधार लाएं।
  4. सीखने की चाह का अंत मत होने दें :- कभी भी सीखने की चाह का अंत मत होने दीजिएगा। चाहे हालात प्रतिकूल ही क्यों न हो। एक बात सदा स्मरण रखिए जितना आप सीखेंगे उतना ही आपके हित में होगा। सीखने से आशय है ज्ञान रूपी समुद्र में डुबकियाँ लगाना। जो रचनाकार ज्ञान रुपी समुद्र में डुबकियाँ लगाता है, उसे ज्ञान रूपी समुद्र एक दिन अनमोल मोती बना देती है। हर व्यक्ति के लिए यह सीखने का समय अलग अलग हो सकता है तो संयम अवश्यंभावी है। 

आप बेहतरीन लिखते रहें। सीखते रहें इसी कामना के संग आपसे विदा लेता हूँ। आगे भी आपको हमारी टीम की कलम से बेहतरीन आर्टिकल पढ़ने को मिलते रहेंगे। 

धन्यवाद!

कुमार संदीप