डिजिटल दुनिया में बदलते रिश्ते

डिजिटल दुनिया में रिश्ते

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Bhawana Sharma
Bhawana Sharma 29 May, 2022 | 0 mins read

भावनाओं के अतिरेक से उलझ रहे हैं डिजिटल दुनिया में रिश्ते भी बदल रहे हैं एक टच से सबसे मिलना आसान है, शब्द और भावों को पहुंचाना सरल सा काम है, परंतु हर जगह पहुंच कर भी खुद से अनजान है, जाने कौन सा व्यापार है कि संभाले नहीं संभल रहे हैं, डिजिटल दुनिया में रिश्ते भी बदल रहे हैं।

सभी साथ हैं पर अकेलापन जाता नहीं है, संवेदनाओं की भरमार है, पर कोई वक्त पर काम आता नहीं है, बाहर दिखाते शांत मुखोटे पर भीतर क्यों उबल रहे हैं, डिजिटल दुनिया में रिश्ते भी बदल रहे हैं ।

गांव गली चौपाल में अब शांति है, पर ऑनलाइन अपनापन है, यह भी एक भ्रांति है, इस शोर करती कवायद के नीचे मूल अर्थ कुचल रहे हैं ,डिजिटल दुनिया में रिश्ते भी बदल रहे हैं।

अभी यह फंदा और कसेगा, इस जाल में मानव और उलझेगा, मशीनों के हाथ डोर सौंप कर हम खुद ही खुद को छल रहे हैं, डिजिटल दुनिया में रिश्ते भी बदल रहे हैं ।भावना शर्मा

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