कितनी रियल है रियालिटी शो की तस्वीरें नज़दीक से देखें तो जानें, तारीफ़ों की पंक्तियाँ तो मीडिया के मुँह से सुनी सुनाई लगती है..
छोटे से पर्दे के पीछे झूठ की तिलिस्मी दुनिया छुपी दिखती है, चकाचौंध की रौनक उसकी फेंक जैसी लगती है, असलियत की इसमें न कोई जादूगरी दिखती है...
परोसा जाता है तेवरों का जो तमतमाता तड़का पूछो ज़रा अतिथियों से उस तीखेपन का फ़िका सा लहजा..
प्रतिस्पर्धीयों को पहनाया जाता है मोहरा हर खेल को उम्दा बनाने का ठहरा जो यही झूठ का ज़रिया...
झूठे संघर्ष की झूठी गाथा गढ़ कर जाल बिछाया जाता है गहरा, दर्शकों को रिझाने का इससे बड़ा क्या होगा तमाशा बढ़िया...
रियालिटी में ढूँढने मत बैठो कुछ भी रियल सुनहरे अल्फाज़ों के ज़ेवर से सजा होता है हर सीन का एक-एक तमगा..
होती है घालमेल वोटों की गिनती में मेरा आपका चुना कहाँ कोई जीतता है, गिनें चुनें विजेता मंज़िल तक पहुँचता है बाकी गर्दिशों में जानें कहाँ खो जाता है..
निर्णायक की कुर्सी पर बैठे भी नैतिकता नहीं मिलती, मगरमच्छ के आँसूओं में सच्चाई कहाँ है होती...
हकीकत की धरा से परे हर किरदार के चेहरे पर नकली भावों की मल दी जाती है जरी..करोड़ पतियों को कितने करोड़ मिलते है रब ही जानें अंदर की बात रह जाती है धरी...
ज़माना था एक दूर दर्शन के बाद गिनी चुनी चैनलों का उद्धव जब हुआ था, परिवार के संग बैठकर मनोरंजन देखने का मजा ही कुछ ओर था..
हमलोग बुनियाद और नुक्कड़ के आगे फ़िकी है अनुपमा की आँधी अनू की अंताक्षरी का क्या कहना इंडियन आइडल के जलवे में वो पहले सी बात नहीं पहली सिज़न की पड़ा यादों का आज भी पड़ा है पहरा..
मत उलझो सच्चाई ढूँढते छोटे से पर्दे में झूठ की हल्की चिलमन हटते ही खुल जाएगा राज़ जो दिखता है हटके।
भावना ठाकर 'भावु' बेंगलोर
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Nice thought
Thank you so much
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