तुम मेरी श्रद्धा

ईश्वर केवल श्रद्धा ही है प्रस्तर का ईश्वर नहीं नाम

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ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 24 Jun, 2020 | 1 min read
#l_worship_you

जब रिक्त हृदय हो जाएगा

तूणीर तुम्हारे जब छूटें

श्रद्धा का मैं इक घट हूँ प्रिय

आशा मेरी ये ना टूटे

मैं प्रेम प्रेम कहती जाऊँ

तुम घृणा घृणा कहते रहना

हम - तुम दोनों दो ध्रुववासी

मुश्किल अपना संग संग रहना

मैं अपने मन के भावों को

यूँ ही तुमपर बरसाऊंगी

मैं पीड़ा का यह गहन ज्ञान

प्रिय, तुमसे ही तो पाऊँगी

एक दिन जब बींध चुकोगे तुम

अपने शर से ये अंतस्थल

इक स्रोत प्रेम का फूटेगा

भर जाएगा यह मरूस्थल

रिक्तता कितनी भी क्रूर रहे

भरना तो उसको पड़ता है

हो चाहे जितना दग्ध ज्वाल

मरना तो उसको पड़ता है

तब शेष कुछ न रह जाएगा

न घृणा और न मैं और तुम

केवल कुछ पुष्प बिछे होंगे

कहलाएंगे कानन कुसुम

मैं कष्ट प्रसूता धरती हूँ

रौंदी चाहे जितनी जाऊँ

श्रद्धा का यह अंचल विशाल

तुमको पूजूं,तुमको चाहूँ

ईश्वर अगाध श्रद्धा ही है

प्रस्तर का ईश्वर नहीं नाम

जो ज्ञान नहीं ये मानेंगे

हैं व्यर्थ उनके आडंबर तमाम !







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ARCHANA ANAND

archana2jhs

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    वाह

  • ARCHANA ANAND · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद आपका

  • Vineeta Dhiman · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत बढ़िया...☺️

  • ARCHANA ANAND · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत आभार आपका

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