यादों के झरोखे से..

पुरानी यादें

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Aradhana Singh
Aradhana Singh 15 Oct, 2020 | 1 min read

ग्रेजुएशन मे पहुँचते ही गर्व और बड़ी वाली जो फिलिग आती है उसकी तुलना सिर्फ मैट्रिक पास होने वाली प्राउड की खुशी से ही जा सकती....


खैर ..

छोटा सा डिपार्टमेंट 22_25 स्टूडेंट 5-7 प्रोफेसर कॉलेज बड़ा और नामी ....

और मै अपनी कमउम्र मे मैच्योर दिखने के लिए प्रयासरत "महिला कॉलेज" मे पहनी जाने वाली ...जीन्स हटा कर सलवार सूट को करीने से पहनने की कवायद .


.ना ये कोई कॉलेज रूल नही मेरी खुद की बनाई सीमाएँ थी..😎


1st इयर इयर न हुआ 7 महीने मे गुजर गया ।दोस्त थी हनी टॉम बॉय सी और शफ़क़त शांत सी एक शांत एक वाचाल मै बैलेंस्ड...


.खैर सेकेंड इयर भी गुजरा ।

शराफत नफासत टाइप चीजे सम्भाले इक्जाम भी हुए के प्रेक्टिकल इक्जाम

चल रहे है ..मै उलट पुलट बोल रही हूँ हमेशा की तरह..

"हाय् मेरा क्या होगा..?"

और तभी पीछे से आवाज आई "क्या होगा फेल करोगी फेल.."था तो बैच का ही टॉल डार्क हैंडसम लड़का मगर उस वक़्त तो बस भस्म कर देने की इच्छा हुई.. 😎

***

रिजल्ट सच मे बुरे हुए और इल्जाम उसकी काली जीभ को देकर दूरी बना ली गयी।

उस नालायक इंसान से।


अब सामने था फाइनल इयर इक्जाम और पहला दिन कॉलेज का बड़ा सा हॉल जिंसमे 4 फ्लैट बन जाएँ ..

सब शांत !

मै हमेशा की तरह लेट गिरती पड़ती क्लासरूम मे ..सीट पीछे थी तो

लगभग भागती सी चलती हूँ ।

बगल से धीमी सी आवाज आती है

"बड़ी जल्दी आ गयी?"

शक्ल वही थी चीख ही पड़ी मै आज जो इक्जाम खराब हुए खून पी जाऊँगी।

सब हैरान से देखे मुझे ।

किसी ने उसकी बात सुनी नही के वो बहुत धीमी थी। और मै पैर पटक रही पागल सी लगूँ।


 खैर....पेपर अच्छे हुए!

दूसरे पेपर के गैप मे मै और हनी जा रहे मेन गेट की तरफ...सामने वही कुछ और ग्रुप के लड़को के साथ सिगरेट पीता हुआ .मै तो "हाय हनी हमारे क्लास के बच्चे सिगरेट ..हे भगवान ! "ये इंसान बर्बाद है बर्बाद....!!


हनी मुस्कुराते हुए ~फाइनल इयर है यार!

शांति से रह...पंगे न ले।और मुझसे भाई ने कल पूछा था जली सिगरेट न पियो तो खुद ही बुझ जाती है....ऐसा क्यो?

मै बता न पाई थी ।आज इससे पूछती हूँ।तू शांत रहना बस...मै ना ना करती रही ।मगर वो खिंचते हुए वो ले जा पहुँची।


हनी बात करे और मेरी नजर उसकी उँगलियॉ मे फंसी सिगरेट पर ..मन हुआ फिल्मी स्टाइल में सिगरेट हाथ पर मारकर गिरा दूँ।

अचानक ही बस हाथ पर जोर से मारा सिगरेट उड़ती हुई आसमाँ की और दोनो की नजर उसी पर...

अगला ख़्वाब था उसे नीचे आने पर पैरों से कुचलना ...मगर कमीने ने धक्का मार कर सिगरेट उठा ली!


***


हाँ तो फाइनल इयर इक्जाम भी हुए हम अच्छे नम्बरों से पास भी हुए और..?तीन साल साथ पढ़कर भी एक दूसरे को बिल्कुल न जानने वाले दो लोग।कॉलेज खत्म होने पर अगले छहमहीने में बेस्ट फ्रेंड बन गए थे।

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Aradhana Singh

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