शीर्षक -"परिणाम की घोषणा"

दो सहेलियों की प्यारी दोस्ती की दास्तान, जो सभी मित्रों के लिये अनुकरणीय है।

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स्वरचित लघुकथा

शीर्षक-"परिणाम की घोषणा "

आज हमारी छठी कक्षा साफ सुथरी हिंदी कवियों और लेखकों सहित रोचक कविताओं आदि विषय सामग्री के भित्तिचित्रों से सजी हुई खूब चमक रही थी।

अलग-अलग दलों में विभाजित कक्षा के सभी विद्यार्थी हिंदी पखवाड़ा समारोह के अंतर्गत अपने -अपने कार्यक्रम तैयार करके आए हुए थे.

मैं भी अपने काव्यपाठ प्रस्तुति समूह का नेतृत्व कर रही थी.जैसे ही मेरी बारी आई

मैंने मुरली,मटकी,मोरपंख वगैरा संभाले और

सभी टीचर्स एवं निर्णायक मंडली के समक्ष 

जाकर मटक मटक कर सूर के पद लयबद्ध तरीके से गाकर सुनाए.

परिणाम की घोषणा होते ही सब मुझे बधाई दे रहे थे, क्योंकि मैं प्रथम आई थी,लेकिन अचानक ही मेरी रूलाई फूट पड़ी थी.जब हिंदी टीचर ने मेरे गालों को प्यार से दबाते हुए रोने का कारण पूछा तो मैं सुबकते हुए बोली-

मैम जी! ये सारे मेकअप के सामान मेरी सहेली कुंतल ने दिये थे मुझे.

मेरी मम्मी को तो रात भर तेज बुखार रहा. उसी ने मुझे प्रैक्टिस कराई है .उसे तो कोई भी प्राइज नहीं मिला मैम..आप मेरा ईनाम उसे बुलाकर दे दीजिये प्लीज मैम!वो मेरी बहुत अच्छी दोस्त है।

तभी प्रिंसिपल मैम ने एनाउंस किया -आज हम एक और सरप्राइज दे रहे हैं।सच्ची और सह्रदय मित्र की मिसाल देने वाली छात्रा कुंतल सिंह को भी रनिंग शील्ड देकर सम्मानित किया जाता है।

कक्षा का वातावरण तालियों से गूंज उठा .

मुझे अपनी जीत पर ही नहीं बल्कि सहेली पर गर्व हो रहा था.

आज भी हम घनिष्ठ मित्र हैं।

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लेखिका 

डा. अंजु लता सिंह 

नई दिल्ली

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Comments

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  • Charu Chauhan · 4 years ago last edited 4 years ago

    ख़ूबसूरत

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