श्वेत रंग सा प्रेम

श्वेत रंग सा प्रेम

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Anamika anu
Anamika anu 18 Mar, 2021 | 1 min read

एक रंग हो सच्चा सा

एक ढंग हो अपना सा

जो घुल मिल जाए

एक दूजे में

हो ऐसा निर्मल सा।

जो कर दे बेसुध और

उबरने न दे मोह पाश से, 

हो ऐसा प्रेम अनोखा सा।। 

एक रंग जो अपनी 

छटा बिखेरे

एक रंग जो अपना 

एहसास फैलाए। 

एक रंग जो भीगो दे

अपनेपन से। 

एक रंग जो सोख ले

नफरतों के साये। 

एक रंग जो सभी में मिल जाए

एक रंग जो काली घटा बरसाए। 

प्रेम की तपिश में 

सब रंग छिटक आएं। 

जब तुम, तुम न रहो

और मैं, मैं न रहूँ

तुम रंग जाओ मेरे ही रंग में 

और मैं तुम सी दिखूँ, 

भेद सारे मिट जाए

ऐसा सुंदर प्रेम हो हमारा

श्वेत रंग सा

नेह हो हमारा। 


अनामिका अनु 


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Anamika anu

anamikaanu

Comments

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  • Nidhi Gharti Bhandari · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत सुंदर है पेपरविफ में स्वागत😍💝

  • Anamika anu · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद प्रिये

  • ARCHANA ANAND · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत खूबसूरत लिखा अनु 💕

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