रियलिटी शो: कितने रियल?

रियलिटी शो जहाँ विभिन्न कलाओं जैसे सिंगिंग, डांसिंग, एक्टिंग आदि के क्षेत्र में देश भर से उभरते सितारों को जनता से प्यार पाने का ज़रिया बन रहे हैं वहीं इन्हें चलाने वाली कंपनियों की अंधाधुंध कमाई का...।

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Aman G Mishra
Aman G Mishra 14 May, 2022 | 1 min read
Realityshow

रियलिटी शो : कितने रियल?


आज जब रियलिटी शोज़ दुनिया भर में मनोरंजन का प्रमुख आकर्षण हैं, तब इनमें कितनी रियलिटी होती है और कितना स्क्रिप्टेड यह प्रश्न कई बार दर्शकों के मन में आता ही है। आज भारत में बिग बॉस से लेकर इंडियन आइडल तक कई रियलिटी शोज़ देश भर में बेशुमार अटेंशन पा रहे हैं। 

  रियलिटी शो जहाँ विभिन्न कलाओं जैसे सिंगिंग, डांसिंग, एक्टिंग आदि के क्षेत्र में देश भर से उभरते सितारों को जनता से प्यार पाने का ज़रिया बन रहे हैं वहीं इन्हें चलाने वाली कंपनियों की अंधाधुंध कमाई का...। जनता को मनोरंजन चाहिए, उभरते सितारों को मंच और ऑर्गनाइजर्स को प्रॉफिट। इन तीनों के लिए माध्यम का काम कर रहे हैं रियलिटी शोज़।


 अगर इन शोज़ की रियलिटी का प्रश्न है तो हमें इस सारे तामझाम का उद्देश्य समझना चाहिए, ये सारे शोज़ खुले तौर पर घोषणा करते हैं कि इनका अंतिम उद्देश्य जनता का मनोरंजन है। तब मनोरंजन के लिए सिनेमा तो है ही; जबकि सिनेमा में सब कुछ सब स्क्रिप्टेड रहता है इसीलिए कुछ अलग या कुछ रियल दिखाने के लिए ये सारा कार्यक्रम रचा जाता है। 

  जबकि नाम ही रियलिटी शो है फिर रियलिटी पर प्रश्न क्यों? आख़िर इन शोज़ में रियलिटी कहाँ नहीं होने का संशय है- इन शोज़ के प्रतिभागियों पर, उनके प्रदर्शन पर या फिर TV चैनल्स के प्रोडक्शन पर...।

   इसे समझते हैं "बिग बॉस" के उदाहरण से। अब ये तो ज़ाहिर है कि जो भी प्रतिभागी बिग बॉस के घर में रहते हैं उनके फेक होने या दिखने का सवाल नहीं समझ आता, हाँ! उस घर में उन प्रतिभागियों के टास्क बिग बॉस तय करते हैं और उनकी दिनचर्या भी वही निश्चित करते हैं जो कि उस कार्यक्रम को रोमांचक और मनोरंजक बनाने के लिए बिल्कुल स्वाभाविक है। और चूँकि यह कार्यक्रम महीनों चलता है जिसमें प्रतिभागियों को बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग रखा जाता है तो शो में क्या दिखाना है क्या नहीं! यह पूरी तरह से प्रोडक्शन हाउस पर निर्भर है, हाँ प्रतिभागियों के चयन में किसे उन्हें चुनना है किसे नहीं यह अधिकार उन्ही के पास है अतः प्रश्न इस बात पर ज़रूर उठाया जा सकता है कि क़ाबिल प्रतिभागियों को घर में प्रवेश मिला कि नहीं। क्योंकि चयन की प्रक्रिया स्पष्ट और पारदर्शी नहीं है। 

  इसी तरह से अन्य रियलिटी शोज़ में भी रियल क्या है क्या नहीं, ये कहना मुश्किल इसलिए है क्योंकि आखिरकार जनता को क्या दिखाना है- जो मनोरंजक और प्रोडक्शन को TRP दे। इसलिए ये कहना उचित होगा कि रियलिटी शोज़ स्क्रिप्टेड और रियल का कॉम्बिनेशन हैं-मनोरंजन के उद्देश्य के साथ।

-अमन मिश्रा


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Aman G Mishra

aman

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Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Charu Chauhan · 1 year ago last edited 1 year ago

    Good one 👍

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