माँ का प्यार

माँ मेरा मंदिर माँ ही मेरी पूजा...

Originally published in hi
Reactions 1
452
udit jain
udit jain 02 Jun, 2020 | 1 min read
relationship world friend love life

चली आज अपने सर वह भार लेकर,

माँ बनने के जो थी दलान पर।।


मुख पर थोड़ा सा भी तनाव न था,

मादा थी वह जो हर भय दूर कर देती थी।।


हर पीड़ा को जिसने बड़े प्रीति से निभाया,

अपने कुटुंब को जिसने इस लोक से बचाया।।


गाभिन होकर भी जिसने पथ कंठीला ही अपनाया,

शिशु के प्राणो को पथो पर उपजाया।।


भरी गठरी ले मद पर बोझ अपने आस्तित्व का बनाया,

कोई न टोके इसलिए मुख शांत होकर अपनो को समझाया।।


तय कर दिया वह पीड़ा से भरा पल भी,

जहाँ अपने खून को एक अहित न पहुँचने दिया।।


माँ ही है वो जिसने हर पल हमे,

अपने वक्ष से लगा इस दुनिया से बचाया।।


नही कहती वह उस दर्द को भी जिसने,

जिसमे 9 माह उसने अपने गर्भ मे हमको है निहारा।।

 ©Udit Jain

(Delhi)


1 likes

Published By

udit jain

_uduaash_ink_

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.