स्कूल कॉलेज में हमने काई वादे किए,
कुछ हमने और कुछ किसीने हमसे की।
पर हर वादे में छुपा था हर किसिका कोई ना कोई इरादा, वक्त रहते छूट गई दोस्ती, अधूरा रह गया प्यार, न निभा पाए हम वो वादा।
पर मां बनने के बाद 'अनकंडीशनल प्यार पता चला और बेशरतिया वादा क्या होता है, समझ आया,
जिसके आगे रब ने भी है शीश झुकाया।
आज एक मां के दिल से लिखे हैं मैंने ये वादे...
वादा है तुझसे हर कदम पर तेरी परछाई बनकर तेरा साथ दूंगी, तेरा हर लम्हा भरा हो अनंत खुशियों से, मैं हर गम का रास्ता ही मोड़ दूंगी।
तेरी हर मंजिल को मैं सरल और सही राह दिखाऊंगी, कोई दे ना दे तेरा साथ, मैं तो तेरी हिम्मत जरूर बढ़ाऊंगी।
तेरी गलतियों को ना करके नज़रंदाज़, तुझे सही पाठ मैं पढ़ाऊँगी, न हटने दूंगी तुझे पीछे, तेरे लिए दुनिया से मैं भी लड़ जाऊंगी।
अंधेरा घेरे तुझे कभी रुदिवादी या भेदभाव भरी सोच का अगर, मैं उसको मिटाऊंगी,
भर दूंगी उजाला तेरे जीवन में, चाहे खुद लौ मैं बन जाऊंगी।
फूलो की तरह महके तेरी जिंदगी, मैं कांटा बन तेरी हिफाजत क्रुंगी,
अगर तू है मेरा दिल, मैं सरगम की तरह तेरी धड़कन बनकर रहूंगी।
दुनिया के तौर तरीके होंगे कथिन, तुझे उन में नहीं मैं फसाऊँगी,
बल्की बन तेरा दोस्त, तेरे ही रंग में मैं भी रंग जाउंगी।
तेरे सपनों को अपने पंखों की उड़ान भी मैं दूंगी, अगर दगमगाये तेरे कदम, तेरा हाथ थाम संतुलन से चलना मैं सीखाउंगी।
कहानियों की तरह महल तो नहीं, पर राजकुमारी की तरह तेरी हर इच्छा को मैं पूरा करने के लिए जी जान लगाउंगी,
बरकरार रहे तेरे चेहरों की मुस्कान, लबों पर अपने बस यही दुआ मैं गाऊंगी।
आंसुओं से तेरी आंखें कभी होंगी नम तो अपने आंचल में तुझे मैं छुपाउंगी,
तू ना हो कभी मेरी फिक्र में गमगीन, तुझसे अपने हर दर्द में छुपाउंगी।
समेट कर रखूंगी तेरे साथ बिताये हर पल को, अपनी यादों के पितारे को मैं सवारूंगी,
ताज़ा रहे ये यादें हमेशा, अपने ज़हन से ना हो ये कभी जुदा, ऐसे इन्हें मैं संभालूंगी।
निभआउंगी मैं अपना हर वादा, वादा करती हु तुझसे आज,
तुझ से करती हूं मैं असीम प्रेम, जैसे श्याम से राधा और राधा से श्याम...
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