कभी नहीं कहा

प्यार की अभिव्यक्ति शब्दों में आवश्यक नहीं होती। प्रेम उम्र के साथ ढलता नहीं बढ़ता है।

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Charu Chauhan
Charu Chauhan 21 Feb, 2021 | 1 min read
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उन्होंने कभी नहीं कहा,

उन्हें प्यार है हमसे। 

फेरों के वक्त लिए थे, 

हाथों में हाथ लेकर सात वचन, 

उसके सिवा कभी नहीं खाई जीने मरने की कसमें। 

वो बस चल रहे हैं डगर पर साथ मेरे, 

बारिश में छतरी की तरह। 


उनका स्पर्श ही प्रीत को बयां कर जाता है, 

किसी काग़ज़ी प्रेम पत्र की, 

उन्हें नहीं हुई कभी आवश्यकता। 

गिरती हुईं को जब सम्भाल लेते हैं 

मेरी आवाज़ लगाने से पहले, 

लगता है सच, नहीं उन्हें किसी अनावश्यक 

वादों की डोर की आवश्यकता। 


उम्र दोनों की ही हो रही, 

थकान, घबराहट उठती है दोनों के मन में। 

मैं हो भी जाती हूँ शिथिल कभी-कभी, 

पर उनकी स्फूर्ति बिछा देती है, 

मेरे मन में आशा का बिछौना। 

वो बस चल रहे हैं साथ मेरे, 

बारिश में छतरी की तरह।।


स्वरचित

© चारु चौहान


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Charu Chauhan

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Vandana Bhatnagar · 3 years ago last edited 3 years ago

    वाह, बहुत खूब

  • Charu Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    जी धन्यवाद 🙏

  • Babita Kushwaha · 3 years ago last edited 3 years ago

    Touching yaar lovely 👌

  • Charu Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thank u #Babita ma'am

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