विधाता तू ही बता.....

लड़की कोई अवसर नहीं है जिसका फायदा उठाया जाए। उसके हिस्से का आसमान उसका है उसे भी जीने का पूरा अधिकार है।

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Charu Chauhan
Charu Chauhan 04 Oct, 2020 | 1 min read
Against injustice Protect girls Against rape Be human Stop rape

कभी मुझमे आक्रोश की ज्वाला तो कभी भय का साया,

यूँ मिश्रित भाव ने है मुझे अब सदैव डराया।

मेरे अस्तित्व से खेलना ना जाने क्यूँ उन्हें भाता है,

और उसके बाद अगर जिवित रहूँ तो...

लांछन भी मेरे ही हिस्से में आता है।

ग़र मौत ही अपने दामन में मुझे सुला ले,

तब यहाँ राजनीति का पृष्ठ खुल जाता है।।


मुद्दा बनाकर मुझे बार-बार भुनाया जाता है,

लेकिन मेरे हिस्से का सूकून कोई ना दे पाता है।

मुझमे बची कुछ धीमे-धीमे चलती साँसे...फिर यह सोशल मीडिया छीन लेता है।

पर मेरी चित्कार कोई नहीं सुन पाता है,

सियासत की भट्टी में फ़िर एक बार मुझे झोंक दिया जाता है।

अरे, सुनो मेरे भाई-बहनों और शुभचिंतकों....

मैं एक लड़की हूँ बस यही मेरी पहचान है,

बात ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र की नहीं

एक बेटी के मान की है।


टूटती है मेरी हड्डियां पर दरिंदों की हवस ना टूट पाती है,

सोचती हूँ मैं भला, शैतान भी कहाँ इतनी हैवानियत किया करते होंगे...?

लगातार मुझ पर अनेकों कई वार किए जाते हैं।

कभी राॅड, कभी चाकू तो कभी आग के हवाले होती हूँ मैं,

गैरों को तो छोड़ो, अपनों में भी सुरक्षित कहाँ हूँ मैं ?

विधाता तू ही बता......

कलयुग के इस इंसान को अब क्या नाम दूँ मैं ???


© चारु चौहान











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Charu Chauhan

Poetry_by_charu

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Mayur Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    👏👏👏

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