बेहतर कौन : जॉइंट फैमिली या न्यूक्लियर फैमिली?? 

बहुत बार बात भी करते हैं कि आखिर कौन सा परिवार बेहतर होता है.....और वो भी खास कर बच्चों की परवरिश के लिए।  तो मै तो यही कहूँगी कि हर चीज़ की तरहा यहां पर भी कुछ अपनी अपनी सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही बातें हैं। लेकिन कुछ सकारात्मक बातें,  जो मुझे हमेशा लगती हैं यहां मै आपको बता रही हूं....

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Charu Chauhan
Charu Chauhan 15 Sep, 2020 | 1 min read
Sacrifice Family Children #finance #freedom

फैमिली हमारे समाज की बेसिस यूनिट कहलाती है लेकिन बदलते समय के साथ इसके स्वरूप में भी परिवर्तन आया है जैसा कि हम सब जानते ही हैं। पहले समय की अगर हम बात करें तो परिवार के सभी सदस्य एक ही छत के नीचे साथ-साथ रहते थे। बदलते समय और जरूरतों के साथ हमारे परिवार छोटे होते गए और साथ ही साथ विभाजन भी। इसके साथ ही एकल परिवार भी फिर जल्दी से बढ़ते गए। ऐसे में बहुत बार हम सोचते हैं और बहुत बार बात भी करते हैं कि आखिर कौन सा परिवार बेहतर होता है.....और वो भी खास कर बच्चों की परवरिश के लिए।  तो मै तो यही कहूँगी कि हर चीज़ की तरहा यहां पर भी कुछ अपनी अपनी सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही बातें हैं। लेकिन कुछ सकारात्मक बातें,  जो मुझे हमेशा लगती हैं यहां मै आपको बता रही हूं....क्युकी मुझे  नहीं लगता फिर नकारात्मक बातें मुझे आपको बतानी पड़ेगी.... तो पहले आते हैं हम संयुक्त परिवार पर....

संयुक्त परिवार या सामूहिक परिवार :- 

संयुक्त परिवार मे कई रिश्ते एक साथ एक ही छत के नीचे देखने को मिलते हैं बच्चा भी हर रिश्ते को बहुत ही नज़दीक और अच्छे से जान पाता हैl और सुविधा के मामले में भी संयुक्त परिवार ही ऊपर आता है। 

जब कभी भी जरूरत होती है आपको परिवार के सभी सदस्यों का पूरा समर्थन मिलता है मुश्किल समय में भी निर्णय लेने में वो हमेशा बिन कहे आपकी सहायता करेंगे। और परिवार के साथ आधी परेशानी तो वैसे ही कम हो जाती हैl आप उनके साथ अपना हर सुख दुख आसानी से सांझा कर सकते हैं...।

सबसे ज्यादा फायदा संयुक्त परिवार का बच्चो को मिलता है। जब आप घर पर नहीं होंगे तब भी आपके बच्चे अकेले या आया के सहारे नहीं रहते... क्युकी संयुक्त परिवार में कोई ना कोई घर पर उनके लिए उपलब्ध जरूर रहता है। ऐसे में बच्चे भी खुद को अधिक आनंदित महसूस करते हैं....उन्हें परिवार के बड़े बुजुर्गों से अच्छे संस्कार व नैतिक मूल्य बहुत आसानी से मिल जाते हैं और वे अधिकतर आज्ञाकारी होते हैंl 

कई बार देखा जाता है कि घर पर किसी के नहीं होने पर दिन में ही चोरियां आदि हो जाती है तो आप उन सबसे काफी हद तक बच सकते हैं l

जब भी घर में कोई उत्सव या त्योहार होता है उसका ज्यादा मज़ा भी सामूहिक परिवार में ज्यादा आता है ऐसे में घर का माहौल बहुत ही रंगीन हो जाता है... क्युकी जितने ज्यादा लोग, त्योहारों में उतना ही ज्यादा मज़ा आता है।  वहाँ आप कभी ख़ुद को अकेले महसूस नहीं करते हैं। 


एकल परिवार / न्यूक्लियर फैमिली 👪

प्राइवेसी - एकल परिवार मे प्राइवेसी ज्यादा रहती हैै, जिसकी जरूरत सभी इंसान को होती है। आप पति-पत्नी, बच्चों के साथ अधिक समय बिता पाओगे। आराम से वीकेंड पर बाहर जा सकते हो, उनसे खुल कर बातें आप कर पाते हो। 

आर्थिक स्थिति- एकल परिवार में आप जितना कमाते हैं उसे सिर्फ अपने या अपने बच्चों के लिए ही खर्च करते हैं, जिससे निजी सेविंग्स आप कर पाते हैं जिससे आप आर्थिक तौर पर मजबूत रहते हैं। और भविष्य की योजनाएं अच्छे से बना सकते हैं। 

महिलाओ की स्थिति - न्यूक्लियर फैमिली मे महिलाओं की कंडिशन संयुक्त की अपेक्षा कहीं ज्यादा बेहतर होती है। वहाँ वे रसोई से बचा कर अपने लिए भी समय निकाल पाती हैं। घर के फैसलों इत्यादि में भी उनकी राय ली जाती है जो कि संयुक्त परिवारों में थोड़ा कम ही हो पाता है।जिससे वहां रुढ़िवादिता की सोच नहीं आ पाती है। 

बच्चों की शिक्षा  - अगर हम बात करें बच्चों की पढ़ाई की..तो वो भी एकल परिवार मे संयुक्त से बेहतर हो पाती है क्युकी सामूहिक परिवार मे कई बार ऐसा होता है कि जहां एक का बच्चा पढ़े वही दूसरे का भी जरूरी हो जाता है। बच्चे को एकाग्रता से पढ़ने के लिए उचित स्थान भी आसनी से इसी परिवार में मिल पाता हैै। ऐसे में एकल परिवार में बच्चे का भरण पोषण ज्यादा अच्छे से हो पाता है।

निर्णय की आजादी- आपको फैसले की आजादी भी एकल परिवार में ही अधिक होती है क्युकी वहाँ पति पत्नी दोनों का ही स्वामित्व होता... जबकि संयुक्त परिवार में अधिकांश परिवार का मुखिया, घर के सबसे बड़े बुजुर्ग इंसान होते हैं तो बड़े फ़ैसले भी सभी के सलाह मशविरा के बाद ही लिए जाते हैं और उसमे सभी की सहमति आवश्यक हो जाती है।  

        वैसे फ्रेंड्स... परिवार संयुक्त हो या एकल, परिवार की खुशियां सदस्यों की आपसी सोच, प्यार और व्यवहार पर भी निर्भर करता है। क्युकी हर परिवार की सकारात्मक और नकारात्मक बातें तो होती ही हैं। तो आप जिसमे भी रहिए..  ख़ुश रहिए, रिश्तों में मधुरता बनाए रखिए ।


धन्यवाद 🙏

© चारु

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Charu Chauhan

Poetry_by_charu

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    एक सुझाव अन्यथा मत लीजिए दी। आपकी रचना बेहद ही सुंदर लगी। रचना संदेशपरक भी है। एक बात का ख़्याल रखें रचना लिखने के क्रम में इमोजी का प्रयोग न करें। इमोजी प्रयोग करने से पाठकों को थोड़ा बेहतर नहीं लगता है व अच्छी रचना भी उतनी प्रिय नहीं लगती है।🙏🏻धन्यवाद

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    प्रेरणादायक पारिवारिक आलेख

  • Charu Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    मैं ध्यान रहूँगी, धन्यवाद 🙏

  • Sonia Madaan · 3 years ago last edited 3 years ago

    Bahut acha lekh

  • Charu Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद #Sonia_mam

  • Mayur Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत अच्छा लिखा है... 👌👌

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