चोट

अंदरूनी चोट जाने क्यों किसी को भी नज़र नहीं आते हैं

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Manu jain
Manu jain 08 Aug, 2020 | 0 mins read


जब एक एक्सीडेंट से मेरा पैर टूटा तो सबने हाल पूछा

लेकिन जब मेरा आत्मविश्वास टूटा तब कोई क्यों नहीं आया

जब हड्डी के दो टुकड़ों के बीच लहू बहा तो सब घबरा गए

लेकिन जब मेरी हिम्मत बहती गयी तब कोई क्यों नहीं आया

जब मेरे पैर पर कटने फटने के निशान देखे तो सबने मरहम लगाई

लेकिन जब मेरा भीतर कटता जा रहा था तब कोई क्यों नहीं आया

जब मैं उस बाहरी चोट के दर्द में चिल्लाई तो सबने चुप कराया

लेकिन जब मैं दिल के दर्द से कराही तब कोई क्यों नहीं आया


जब तक घाव दिखाई न दे तो दर्द समझ नहीं आता

बाहर की चोटों पर मरहम लगाने तो सब आते हैं

लेकिन जब घाव अंदरूनी हो और गहरा हो

तब वे लोग किस गुफा में छुप जाते हैं


उस बाहर की चोट की मरहम हर घर में मिल जाती है

लेकिन उस मन के घाव की मरहम का क्या

वो क्यों नहीं रखता कोई

काश कोई दवा उसकी भी होती

फिर कोई चेहरा कभी छुपकर आंसूं नहीं बहाता

फिर कोई इंसा इस दर्द में नहीं कराहता...

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Manu jain

ManuJain

Comments

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  • Kumar Sandeep · 5 years ago last edited 5 years ago

    बेहतरीन सृजन

  • Manu jain · 5 years ago last edited 5 years ago

    Thank u Sandeep

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