बचपन की यादें

#oldmemories #childhooddays Quarantine day के समय ने बचपन की कुछ प्यारी स्मृतियां याद दिला दी।।

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Manu jain
Manu jain 14 Apr, 2020 | 1 min read

गर्मी की छुटियों में छुपी,

वो बचपन की कुछ यादें,

चारों दिशा में मस्ती छाई,

एक कोने में थी किताबें,

पचास दिन की छुटियों का,

कार्यक्रम हम बनाते थे,

नाना-नानी, दादा-दादी,

से मिलने गांव जाते थे,

खाने में वे प्यार परोस,

दोगुना भोजन कराते थे,

खूब हमारी सेवा होती,

हम भी लुत्फ उठाते थे,

न जल्दी उठने की टेंशन,

न वर्दी को हाथ लगाते थे,

बस्ते की न खबर थी हमें,

गृह कार्य भी भूल जाते थे,

बेवक़्त बेमौसम हम सब,

खेलने को निकल जाते थे,

मम्मी पापा राह तकते,

हम देर रात घर आते थे,

स्कूल से एक पर्चा मिलता,

चंदा जमा कर लाने का,

फिर मिलता इनाम भी हमें,

सबसे अधिक उसे बनाने का,

छुट्टी खत्म होने में जब,

रह जाते थे बस कुछ ही दिन,

तभी निकलती थी कॉपियां,

अधूरी थी जो गृह कार्य बिन,

बस यूं ही दिन गुज़रते थे,

अवकाश समापन का पता न चलता,

काश कैद हो जाते वे दिन,

एक सपना ये हमें है खलता...

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