मेरे बेटे

एक पिता अपने पुत्र से क्या अपेक्षाएं रखता है? ईश्वर से बेटे की सलामती की दुआ किस तरह ईश्वर से करता है। यह बताने की एक कोशिश की है मेरी इस रचना ने। उम्मीद है आपको यह रचना पसंद आएगी।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 22 Jan, 2021 | 0 mins read
Hindi poetry

मेरे बेटे

तुम मेहनत, लगन, परिश्रम से

बना लेना अपनी एक अलग पहचान

पर..कभी अभिमान मत करना ख़ुद पर

व्यवहार रखना विनम्र सर्वदा।।

मेरे बेटे

अपने कार्यक्षेत्र से प्राप्त आय से

खरीद लेना भले ही भौतिक सुख

सुविधाओं के अनगिनत साधन

पर..महीने में एक बार ही सही

निर्धन, असहाय के दर्द को दूर

करने की भी कोशिश करना तुम।।

मेरे बेटे

सफलता के सर्वोच्च शिखर पर

पहुंच जाओ यही दुआ करता हूँ

पर..हाँ बेटे तुमसे यह अपेक्षा रखता हूँ

कि तुम सफलता के शीर्ष पर

होने के बावजूद भी

अपने मन में अहंकार

अंकुरित नही होने देना।।

मेरे बेटे

दुनिया की चकाचौंध में तुम

पूर्णतः खो मत जाना, हाँ

है तुमसे अपेक्षा यही कि

भले तुम भूल जाओ मुझे

पर..जन्मदायिनी माँ को

कदापि मत भूलना

जन्मदायिनी माँ का ख़्याल

रखना तुम अंतिम साँस तक।।

मेरे बेटे

तुम्हारा नाम लिखा जाए इतिहास

के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में

करता हूँ दुआ यही ईश्वर से

हर शख़्स के अंतर्मन की पीड़ा

समझ सको तुम सर्वदा

इसलिए करता हूँ प्रार्थना ईश्वर से कि

ईश्वर तुम्हें सद्बुद्धि प्रदान करें हर क्षण।।

©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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Kumar Sandeep

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Comments

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  • Md Shinawaj · 3 years ago last edited 3 years ago

    Well-done Bhai ji .bhut achha lga padh kr . ❤❤❤

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद भाई जी

  • Mr Perfect · 3 years ago last edited 3 years ago

    Awesome

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