बेटी माई के दिल के करीब होइत हए
बेटी पप्पा के कलेजा के टूकड़ा होइत हए
बेटी भाई के सबसे निम्मन दोस्त होइत हए
बेटी के बिन घर टूअर हए
बेटी से ही इ दुनिया सच्चे में अच्छा लगइत हए।।
बेटी जब हँसइत हए त, घर-आँगन भी हँसइत हए
बेटी जब लोर बहबइत हए त, घर-आँगन भी रोअइत हए
बेटी के घर में रहे से ही घर, अच्छा लगइत हए
बेटी के बिन घर आँगन भी ख़ुश न रहइत हए।।
बेटी भी निम्मन से पढ़ क देश के नाम रोशन करइत हए
बेटी के कमजोर समझे के भूल सही न हए
बेटी भी बहुत कुछ कर सकइअ
बेटी भी इतिहास रच सकइअ।।
बेटी के माई के पेटे में मारल हए बड़का पाप
बेटी के मारे के कारण भगवान भी न करइछीन माफ़
बेटी भी करइछई वंश के नाम रोशन
बेटी भी बेटा से तनको कम न हइ।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Very nice
धन्यवाद दी
Bahut achha bhai ji
धन्यवाद भाई जी
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