बेटी भी इतिहास रच सकइअ

बज्जिका भाषा में एक ऐसी रचना जो समर्पित है देश की हर बेटी को।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 23 Nov, 2020 | 1 min read
Beti Bajjika Bhasha

बेटी माई के दिल के करीब होइत हए

बेटी पप्पा के कलेजा के टूकड़ा होइत हए

बेटी भाई के सबसे निम्मन दोस्त होइत हए

बेटी के बिन घर टूअर हए

बेटी से ही इ दुनिया सच्चे में अच्छा लगइत हए।।

बेटी जब हँसइत हए त, घर-आँगन भी हँसइत हए

बेटी जब लोर बहबइत हए त, घर-आँगन भी रोअइत हए

बेटी के घर में रहे से ही घर, अच्छा लगइत हए

बेटी के बिन घर आँगन भी ख़ुश न रहइत हए।।

बेटी भी निम्मन से पढ़ क देश के नाम रोशन करइत हए

बेटी के कमजोर समझे के भूल सही न हए

बेटी भी बहुत कुछ कर सकइअ

बेटी भी इतिहास रच सकइअ।।

बेटी के माई के पेटे में मारल हए बड़का पाप

बेटी के मारे के कारण भगवान भी न करइछीन माफ़

बेटी भी करइछई वंश के नाम रोशन

बेटी भी बेटा से तनको कम न हइ।।

©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित


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Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

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  • Babita Kushwaha · 3 years ago last edited 3 years ago

    Very nice

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद दी

  • Md Shinawaj · 3 years ago last edited 3 years ago

    Bahut achha bhai ji

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद भाई जी

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